"चौरी चौरा कांड": अवतरणों में अंतर

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== परिणाम ==
इस घटना के तुरन्त बाद गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी। बहुत से लोगों को गांधीजी का यह निर्णय उचित नहीं लगा।<ref name="Vyas" /> विशेषकर क्रांतिकारियों ने इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष विरोध किया। <ref name="Vyas" /> 1922 की [[गया|गया कांग्रेस]] में [[प्रेमकृष्ण खन्ना]] व उनके साथियों ने [[राम प्रसाद 'बिस्मिल'|रामप्रसाद बिस्मिल]] के साथ कन्धे से कन्धा भिड़ाकर गांधीजी का विरोध किया।
 
इस आंदोलन के बाद से स्वतंत्रता सेनानी दो दलों में बाँट गए थे। पहला गरम दल और दूसरा नरम दल । गरम दल के नेता जहां चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह, जैसे व्यक्ति थे तो वहीं नरम दल के नेताओं में स्वयं महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल थे।
 
अंग्रेजी सरकार ने इस घटना के बाद 225 लोगों को गिरफतार किया जिनमे से 170 लोगों को मौत की सजा सुनाई। परंतु मदन मोहन मलवीयजी ने उन लोगों के लिए केस लड़ा और 151 लोगों को निर्दोष साबित करने में सफल रहे।
 
==सन्दर्भ==
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*[https://web.archive.org/web/20190707202109/https://hindi.swarajyamag.com/ideas/jallianwala-case/ जलियांवाला बाग हत्याकांड- क्यों, कैसे और इसके पश्चात क्या?] (साकेत सूर्येश, १३ अप्रैल २०१९)
* {{cite book|ref=harv|author=Subhashchandra Kushwaha|title=Chauri Chaura: (Hindi Edition)|url=http://books.google.com/books?id=YLrDBAAAQBAJ&pg=PT285|date=15 January 2014|publisher=Penguin Books Limited|isbn=978-93-5118-846-9}}
* [https://www.youtube.com/watch?v=Vtrvenyel8k&t=63s चौरी चौरा कांड की अनकही बातें ।]
 
[[श्रेणी:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]]