"देवरहा बाबा": अवतरणों में अंतर

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कुंभ कैंपस में संगम तट पर धुनि रमाए बाबा की करीब 10 सालों तक सेवा करने वाले मार्कण्डेय महराज के मुताबिक, पूरे जीवन निर्वस्त्र रहने वाले बाबा धरती से 12 फुट उंचे लकड़ी से बने बॉक्स में रहते थे। वह नीचे केवल सुबह के समय स्नान करने के लिए आते थे। इनके भक्त पूरी दुनिया में फैले हैं। राजनेता, फिल्मी सितारे और बड़े-बड़े अधिकारी उनके शरण में रहते थे।
 
[[हिमालय]] में अनेक वर्षों तक अज्ञात रूप में रहकर उन्होंने साधना की। वहां से वे [[पूर्वी उत्तर प्रदेश]] के [[देवरिया]] Jai shri krishna नामक स्थान पर पहुंचे। वहां वर्षों निवास करने के कारण उनका नाम "देवरहा बाबा" पड़ा।
देवरहा बाबा ने [[देवरिया]] जनपद के सलेमपुर तहसील में मइल (एक छोटा शहर) से लगभग एक कोस की दूरी पर [[घाघरा नदी|सरयू नदी]] के किनारे एक मचान पर अपना डेरा डाल दिया और धर्म-कर्म करने लगे।