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'''नट''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]]: Nat caste) उत्तर भारत में [[हिन्दू धर्म]] को मानने वाली एक [[जाति]] है जिसके [[पुरुष]] लोग प्राय: [[बाज़ीगर|बाज़ीगरी]] या कलाबाज़ी और गाने-बजाने का कार्य करते हैं तथा उनकी [[महिला|स्त्रियाँ]] नाचने व गाने का कार्य करती हैं। इस जाति को [[भारत सरकार]] ने संविधान में [[दलित|अनुसूचित जाति]] के अन्तर्गत शामिल कर लिया है ताकि समाज के अन्दर उन्हें [[शिक्षा]] आदि के विशेष अधिकार देकर आगे बढाया जा सके।
'''नट''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]]: Nat caste) उत्तर भारत में [[हिन्दू और इस्लाम
धर्म]] को मानने वाली एक [[जाति]] है जिसके [[पुरुष]] लोग प्राय: [[बाज़ीगर|बाज़ीगरी]] या कलाबाज़ी और गाने-बजाने का कार्य करते हैं तथा उनकी [[महिला|स्त्रियाँ]] नाचने व गाने का कार्य करती हैं। इस जाति को [[भारत सरकार]] ने संविधान में [[दलित|अनुसूचित जाति]] के अन्तर्गत शामिल कर लिया है ताकि समाज के अन्दर उन्हें [[शिक्षा]] आदि के विशेष अधिकार देकर आगे बढाया जा सके।
 
नट शब्द का एक अर्थ [[नृत्य]] या नाटक (अभिनय) करना भी है। सम्भवत: इस जाति के लोगों की इसी विशेषता के कारण उन्हें समाज में यह नाम दिया गया होगा। कहीं कहीं इन्हें बाज़ीगर या कलाबाज़ भी कहते हैं। शरीर के अंग-प्रत्यंग को लचीला बनाकर भिन्न मुद्राओं में प्रदर्शित करते हुए जनता का मनोरंजन करना ही इनका मुख्य पेशा है। इनकी स्त्रियाँ खूबसूरत होने के साथ साथ हाव-भाव प्रदर्शन करके नृत्य व गायन में काफी प्रवीण होती हैं।
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* [https://web.archive.org/web/20140228075920/http://www.joshuaproject.net/peoples.php (नट जाति Nat caste)]
 
[[Nat:जाति]]_अभी नट काफ़ी हद तक स्थायी रूप से रहने लगे है और सिक्सित भी हो चुके है और सरकारी नौकरियों में भी लग चुके है नटो के अच्छे घर भी है अब नट राजपूतों की भांति ही रहते है नटो ने राजपूतों की संस्कृति को अपनाया नट सुरु से ही राजपूत राजाओं के दरबार में गाना बजाने का काम करते थे तो उन्हें राजपूतों के बारे में सब कुछ पता था नट राजपूतों की भांति ही बहादुर होते है और अब नट शिक्षा में आगे निकल चुके हैं नट लोग आपनी जाती को सुचारू रूप से डॉक्यूमेंट में लगने से कतराते है। और समाज में आज वो हर फील्ड में बेहतर हो चुके है और रोजगार में उच्च शिक्षा में आगे निकल रहे है। इस जाति के लोग काफी समझदार कुशाग्र बुद्धि के होते है पहले के राजा महाराजा लोग इनको पहलवान के रूप में अपने महलों में रखते थे । जैसे जैसे समाज व शिक्षा में इनका विकास हुआ तो इस समाज के लोग हर वर्ग और वर्ण के भाती हर क्षेत्र में आपको सेवाएं दे रहे । नट जाती के गोत्र जैसे खतंगा मछरिहा निबोरिहा पहारिया आदि प्रमुख है नट चार तरह के होते हैं 1.राज नट जो राज वंशों का वखान करते हैं इनके पूर्वज एक ही राजवंश में भरण पोषण करते थे।।2.करनट जो रस्सी पर चल कर दिखाया करते थे।।3.बगुलिहा नट कलाबाजियां तथा पटेला दांतों से उठा लेते थे।। 4.चमर नट