"जरासन्ध": अवतरणों में अंतर

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तब अगले दिन उसने भीम के साथ मल्लभूमि में मल्ल युद्ध किया। यह युद्ध लगभग २८ दिनो तक चलता रहा लेकिन जितनी बार भीमसेन उसके दो टुकड़े करते वह फिर से जुड़ जाता। इस पर श्रीकृष्ण ने घास की एक डंडी की सहायता से भीम को संकेत किया की इस बार वह उसके टुकड़े कर के दोनों टुकड़े अलग-अलग दिशा में फेंके। तब भीम ने वैसा ही किया और इस प्रकार जरासंध का वध हुआ।
 
तब उसका वध करके उन तीनों ने उसके बंदीगृह में बंद सभी ८६ राजाओं को मुक्त किया और श्रीकृष्ण ने जरासंध के पुत्र सहदेव को राजा बनाया। सहदेव ने आगे चलकर के महाभारत के युध मे पान्डवो का साथ दिया।<ref name=":0" /><ref>{{Cite web|title = कुछ इस तरह बनी थी जरासंध की मृत्यु की योजना|url = http://naidunia.jagran.com/spiritual/kehte-hain-plan-of-jrasandh-death-for-make-like-this-188257|publisher = नई दुनिया|date = २२ सितम्बर २०१४|accessdate = १२ जून २०१५|archive-url = https://web.archive.org/web/20150423230233/http://naidunia.jagran.com/spiritual/kehte-hain-plan-of-jrasandh-death-for-make-like-this-188257|archive-date = 23 अप्रैल 2015|url-status = livedead}}</ref>
 
== सन्दर्भ ==