"परिनालिका": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Solenoid-1.png|thumb|परिनालिका]]
gautam pankaj
[[चित्र:VFPt Solenoid correct2.svg|thumb|right|परिनालिका द्वारा उत्पादित चुम्बकीय क्षेत्र]]
 
'''परिनालिका''' (solenoid) एक त्रिबिमीय (three-dimensional) [[कुण्डली]] (coil) को कहते हैं। [[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] में परिनालिका [[कमानी|स्प्रिंग]] की भांति बनाये गये तार की संरचना को कहते हैं जिसमें से [[धारा]] प्रवाहित करने पर चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है। प्राय: ये तार किसी अचुम्बकीय पदार्थ (जैसे प्लास्टिक) के बेलनाकार आधार पर लिपटे रहते हैं जिसके अन्दर कोई अचुम्बकीय क्रोड, (जैसे हवा) या चुम्बकीय क्रोड (जैसे लोहा) हो सकता है। परिनालिकाएँ इसलिये महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उनकी सहायता से नियंत्रित चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण किया जा सकता है तथा वे [[विद्युत चुम्बक|विद्युतचुम्बकों]] की तरह प्रयोग की जा सकती हैं।