"अपराजिता": अवतरणों में अंतर

इसे विष्णुकांत भी कहते हैं
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अपराजिता लता वाला पौधा है। इसके आकर्षक फूलों के कारण इसे लान की सजावट के तौर पर भी लगाया जाता है। ये इकहरे फूलों वाली बेल भी होती है और दुहरे फूलों वाली भी। फूल भी दो तरह के होते हैं - नीले और सफेद।
 
[[बंगाल]] या पानी वाले इलाकों में अपराजिता एक बेल की शक्ल में पायी जाती है। इसका पत्ता आगे से चौडा और पीछे से सिकुडा रहता है। इसके अन्दर आने वाले स्त्री की [[योनि]] की तरह से होते है इसलिये इसे ’भगपुष्पी’ और ’योनिपुष्पी’ का नाम दिया गया है, इसे विष्णुकांति भी कहतें हैं।है। इसका उपयोग [[काली]] [[पूजा]] और नवदुर्गा पूजा में विशेषरूप में किया जाता है। जहां काली का स्थान बनाया जाता है वहां पर इसकी बेल को जरूर लगाया जाता है। गर्मी के कुछ समय के अलावा हर समय इसकी बेल फूलों से सुसज्जित रहती है।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==