"ओदिसी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rescuing 4 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.6 |
||
पंक्ति 6:
==कथानक==
[[चित्र:Odysseus from Schwab book 1.jpg|right|thumb|300px|अपने शत्रुओं पर तीर चलाते हुए '''ओदिसियस''']]
ओदेसी में '''ओडेस''' या '''उलीस''' नाम के एक पौराणिक नायक के [[ट्रॉय का युद्ध|ट्रॉय के युद्ध]] के बाद मातृभूमि वापस लौटते समय घटने वाले साहसपूर्ण कार्यों की गाथा कही गयी है। जिस प्रकार हिंदू [[रामायण]] में लंका विजय की कहानी पढ़कर आनंदित होते हैं। उसी प्रकार ओडिसी में यूनान वीर यूलीसिस की कथा का वर्णन आनंदमय है। ट्राय का राजकुमार स्पार्टा की रानी हेलेन का अपहरण कर ट्राय नगर ले गया। इस अपमान का बदला लेने के लिए यूनान के सभी राजाओं और वीरों ने मिलकर ट्राय पर आक्रमण किया। पर न नगर का फाटक टूटा और न प्राचीर ही लाँघी जा सकी। अंत में यूनानी सेना ने एक चाल चली। एक लकड़ी का खोखला घोड़ा पहिएयुक्त पटले पर जड़ा गया। उसे छोड़ वे अपने जहाजों से वापस लौट गए। ट्रॉय के लोगों ने सोचा कि यूनानी अपने देवता की मूर्ति छोड़कर निराश हो चले गए। वे उसे खींचकर नगर में लाए तो मुख्यद्वार के मेहराब को कुछ काटना पड़ा। रात्रि को जब ट्रॉय खुशियॉँ मना रहा था, खोखली अश्व मूर्ति से यूनानी सैनिकों ने निकलकर चुपचाप ट्रॉय का फाटक खोल दिया। ग्रीक सेना, जो वापस नहीं गई थी बल्कि पास में जाकर छिप गई थी, ट्रॉय में घुस गई।<ref>{{cite web|url=http://v-k-s-c.blogspot.com/2009/01/human-rights-ancient-times-other.html|title=अन्य देशों में मानवाधिकार और स्वत्व|access-date=[[२२ अप्रैल]] [[२००९]]|format=एचटीएमएल|publisher=मेरी कलम|language=|archive-url=https://web.archive.org/web/20150723111723/http://v-k-s-c.blogspot.com/2009/01/human-rights-ancient-times-other.html|archive-date=23 जुलाई 2015|url-status=
<blockquote>
'''मंगलाचरण''' - हे देवी, तू उस कुशल मानव ओडेसियस की कथा गाने की शक्ति दे जिसने ट्राय के दुर्ग को धराशायी कर दिया और जो सारे संसार में भटकता रहा, जिसने विविध जातियों और नगरों को देखा तथा उत्ताल समुद्र की लहरों पर प्राणों की रक्षा के लिए घोर कष्ट सहन किया।
|