"मनमोहन सिंह": अवतरणों में अंतर

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'''मनमोहन सिंह''' ({{lang-pa|ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ}}; जन्म : २६ सितंबर १९३२) [[भारत|भारत गणराज्य]] के १३वें [[भारत का प्रधानमन्त्री|प्रधानमन्त्री]] थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। [[भारतीय आम चुनाव, २००९|लोकसभा चुनाव २००९]] में मिली जीत के बाद वे [[जवाहरलाल नेहरू]] के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें [[२१ जून]] [[१९९१]] से [[१६ मई]] [[१९९६]] तक [[पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव|पी वी नरसिंह राव]] के प्रधानमंत्रित्व काल में [[भारत के वित्त मंत्री|वित्त मन्त्री]] के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है।<ref name=":0">{{Cite web|url=https://www.pmindia.gov.in/hi/former_pm/%E0%A4%A1%E0%A5%89-%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%B9/|title=डॉ. मनमोहन सिंह {{!}} भारत के प्रधानमंत्री|website=www.pmindia.gov.in|access-date=2020-09-06}}</ref>
 
== संक्षिप्त जीवनी ==
मनमोहन सिंह का जन्म [[ब्रिटिश भारत के प्रेसीडेंसी और प्रांत|ब्रिटिश भारत]] (वर्तमान पाकिस्तान) के [[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]] प्रान्त में २६ सितम्बर,१९३२ को हुआ था।<ref>{{Cite web|url=https://m.aajtak.in/news/national/story/manmohan-singh-birthday-narendra-modi-birthday-twitter-wishes-1123242-2019-09-26|title=87 साल के हुए मनमोहन, मोदी-राहुल ने ट्वीट कर दी जन्मदिन की बधाई|website=[[आज तक]]|language=hi|access-date=9 March 2020|archive-url=https://web.archive.org/web/20191222025027/https://m.aajtak.in/news/national/story/manmohan-singh-birthday-narendra-modi-birthday-twitter-wishes-1123242-2019-09-26|archive-date=22 दिसंबर 2019|url-status=dead}}</ref> उनकी माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। देश के विभाजन के बाद सिंह का परिवार भारत चला आया। यहाँ [[पंजाब विश्वविद्यालय]] से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]] गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने [[ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय|आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय]] से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक ''इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ'' भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डॉ॰ सिंह ने [[अर्थशास्त्र]] के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे [[पंजाब विश्वविद्यालय]] और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे [[संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन]] सचिवालय में सलाहकार भी रहे और [[१९८७]] तथा [[१९९०]] में [[जिनेवा|जेनेवा]] में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। [[१९७१]] में डॉ॰ सिंह [[वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार|भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्रालय]] में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके तुरन्त बाद [[१९७२]] में उन्हें [[वित्त मन्त्रालय|वित्त मंत्रालय]] में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे [[भारत का योजना आयोग|योजना आयोग]] के उपाध्यक्ष, [[भारतीय रिज़र्व बैंक|रिजर्व बैंक]] के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और [[विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत)|विश्वविद्यालय अनुदान आयोग]] के अध्यक्ष भी रहे हैं। [[भारत का आर्थिक इतिहास|भारत के आर्थिक इतिहास]] में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डॉ॰ सिंह [[१९९१]] से [[१९९६]] तक भारत के वित्त मन्त्री रहे। उन्हें भारत के [[आर्थिक सुधार|आर्थिक सुधारों]] का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रूप से डॉ॰ सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डॉ॰ सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमती [[गुरशरण कौर]] और तीन बेटियाँ हैं।<ref name=":0" />
 
== राजनीतिक जीवन ==