"संगणक संचिका": अवतरणों में अंतर

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{{Otheruses4|संगणक संचिकाओं और संचिका प्रणालियों के बारे मेंसामान्य सरसरी तौर पर वर्णनजानकारी|और विस्तृत व तकनीकी लेख|संचिका प्रणाली}}
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'''संगणक संचिका''' एकत्रित जानकारी का एक वर्ग है, या जानकारी को संचित करने के लिए एक संसाधन है जो कि किसी [[संगणक कार्यक्रम]] को उपलब्ध होता है, और आमतौर पर यह किसी प्रकार की टिकाऊ [[संगणक भंडारण]] पर आधारित होता है। संचिका टिकाऊ इस लिहाज़ से होती है कि यह मौजूदा कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद भी अन्य कार्यक्रमों द्वारा इस्तेमाल के लिए मौजूद रहती है। संगणक संचिकाओं को पारंपरिक रूप से दफ़्तरों और पुस्तकालयों के [[फ़ाइलिंग केबिनेट|फ़ाइलों]] में मौजूद कागज़ के [[दस्तावेज़|दस्तावेज़ों]] का आधुनिक रूप माना जा सकता है, इसीलिए अंग्रेज़ी में इसका नाम फ़ाइल पड़ा है।
 
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==संचिकाओं की पहचान व आयोजन==
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आधुनिक संगणक प्रणालियों में संचिकाओं तक पहुँचने के लिए आमतौर पर [[फ़ाइलनाम|फ़ाइलनामों]] का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ प्रचालन प्रणालियों में यह नाम संचिका से जुड़ा होता है। कुछ अन्य में संचिका स्वयं बेनाम होती है, पर नामित कड़ियाँ उसकी ओर इंगित करती हैं। इस मामले में प्रयोक्ता कड़ी को ही संचिका का नाम समझ सकता है, लेकिन यह वास्तव में सही नहीं होगा, खासतौर पर जब एक ही संचिका की एक से अधिक कड़ियाँ हों तब।
 
 
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संचिकाएँ (या संचिकाओं की कड़ियाँ) निर्देशिकाओं में हो सकती हैं। लेकिन बेहतर यह कहना होगा कि [[संचिका निर्देशिका|निर्देशिका]] के अंदर संचिकाओं की सूची या संचिकाओं की कड़ियों की सूची हो सकती है। इस परिभाषा के अंतर्गत यह समझना बहुत ज़रूरी है कि "संचिका" शब्द में निर्देशिकाएँ भी शामिल हैं। इससे निर्देशिकाओं के सोपान संभव होते हैं, अर्थात् निर्देशिकाओं के अंदर उपनिर्देशिकाएँ। जो नाम किसी निर्देशिका के अंदर किसी संचिका को संदर्भित करता है, उसे अनोखा होना ज़रूरी है। लेकिन कुछ प्रचालन प्रणालियों में नाम के साथ प्रकार भी निर्दिष्ट होता है जिसकी वजह से एक निर्देशिका में दो अलग अलग प्रकार की संचिकाएं एक ही नाम से संभव हैं जैसे कि एक ही नाम की एक निर्देशिका व एक संचिका।
 
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जिन पर्यावरणों में संचिकाएँ नामित होती हैं, उनमें, संचिका के नाम व पथ की जोड़ी अनोखी होनी ज़रूरी है - कोई भी दो संचिकाओं का नाम व पथ दोनो किसी और संचिका के नाम व पथ से मेल नहीं खा सकते हैं। जहाँ संचिका बेनाम हो, नामित संदर्भ एक नामस्थान के अंतर्गत रहेंगे। अधिकतर बार किसी भी नामस्थान में मौजूद नाम ठीक एक या शून्य संचिकाओं को संदर्भित करेगा। लेकिन, कोई भी संचिका किसी नामस्थान में शून्य, एक या अधिक नामों से संदर्भित की जा सकती है।
 
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अनुप्रयोग के प्रसंग के अनुसार, किसी भी संचिका या कड़ी के लिए उपयुक्त नाम किन्हीं खास अक्षरों से बनी होगी। संगणक प्रणाली पर निर्भर करता है कि यह नाम उपयुक्त है या नहीं। प्रारंभिक संगणक किसी संचिका के नाम में सीमित अक्षर व अंकों की अनुमति देते थे, लेकिन आधुनिक संगणक लंबे नाम रखने देते हैं (कुछ तो २५५ अक्षर तक) जिनमें लगभग किसी भी क्रम में [[यूनिकोड]] अक्षर या यूनिकोड अंक हो सकते हैं, ताकि एक ही नज़र में संचिका का मकसद समझ आ जाए। कुछ संगणक प्रणालियाँ संचिका नामों में खाली स्थान की अनुमति देते हैं, कुछ नहीं। संचिका नामों की लघुदीर्घाक्षर संवेदनशीलता [[संचिका प्रणाली]] द्वारा निर्धारित होती है। यूनिक्स संचिका प्रणालियाँ आमतौर पर लघुदीर्घसंवेदी होती हैं और प्रयोक्ता-स्तरीय अनुप्रयोगों को ऐसी संचिकाएँ बनाने देती हैं जिनके अक्षरों में केवल लघु और दीर्घ का फ़र्क हो। [[माइक्रोसाफ़्ट विंडोज़]] कई संचिका प्रणालियाँ प्रदान करता है, जिनमें लुघ-दीर्घ संवेदनशीलता की नीतियाँ अलग अलग हैं। यदि प्रयोक्ता [[संचिका नियतन तालिका#निर्देशिका तालिका|निर्देशिका प्रविष्टिओं]] में संचिका नामों को बदलने के लिए [[डिस्क संपादक]] का इस्तेमाल करे तो प्रचलित [[संचिका नियतन तालिका|एफ़एटी]] प्रणाली में कई संचिकाएँ हो सकती हैं जिनके नाम में केवल दीर्घ-लघु अक्षरों का ही फ़र्क हो। लेकिन, आमतौर पर प्रयोक्ता अनुप्रयोग इसकी अनुमति नहीं देते हैं।
 
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अधिकतर संगणक, संचिकाओं को सोपान के आधार पर आयोजित करते हैं और इसके लिए फ़ोल्डर, निर्देशिका या कैटलाग का इस्तेमाल करते हैं। शब्द जो भी हो विचार एक ही है। हर फ़ोल्डर में कुछ संख्या में संचिकाएँ हो सकती हैं, और उनमें अन्य फ़ोल्डर हो सकते हैं। इन अन्य फ़ोल्डरों को उपफ़ोल्डर कहते हैं। इनमें और संचिकाएँ व फ़ोल्डर हो सकते हैं, आदि-आदि, ऐसे कर के एक वृक्ष-रूपी ढाँचा निर्मित होता है जिसमें एक "गुरु फ़ोल्डर" या ("जड़ फ़ोल्डर" - प्रणाली के अनुसार नाम अलग अलग है) होता है जिसके अधीन कितने भी स्तर तक संचिकाएँ व फ़ोल्डर हो सकते हैं। फ़ोल्डरों के भी संचिकाओं की तरह नाम हो सकते हैं (सिवाय जड़ फ़ोल्डर के जिसका अक्सर कोई नाम नहीं होता है)। फ़ोल्डरों के जरिए संचिकाओं को तार्किक तरीके से आयोजित करना सरल हो जाता है।
 
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[[Image:FileFolders.svg|thumb|200px|right|सोपान में बद्ध संचिकाएँ व फ़ोल्डर]]
जब भी कोई संगणक फ़ोल्डरों का इस्तेमाल करता है तो हरेक संचिका व फ़ोल्डर का केवल अपना नाम ही नहीं अपितु एक पथ भी होता है जो यह दर्शाता है कि वह संचिका या फ़ोल्डर किस फ़ोल्डर या फ़ोल्डरों में मौजूद है। इस पथ में एक विशेष चिह्न - जैसे कि <code>/</code> - को जरिए संचिका या फ़ोल्डर नामों के बीच में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए इस लेख में दिए उदाहरण में, <code>'''/Payroll/Salaries/Managers'''</code> यह दर्शाता है कि <code>'''Managers'''</code> नामक एक संचिका, <code>'''Salaries'''</code> नामक फ़ोल्डर में है, ौर यह फ़ोल्डर <code>'''Payroll'''</code> में है। संचिका और फ़ोल्डर के नामों के बीच में आगे झुकी लकीर है, सर्वोच्च या जड़ फ़ोल्डर का कोई नाम नहीं है, अतः नाम आगे झुकी लकीर से शूरू होता है (यदि जड़ फ़ोल्डर का नाम होता तो वह पहली झुकी लकीर के पहले आता)।
 
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कई(लेकिन सभी नहीं) संगणक प्रणालियाँ संचिका नामों मे [[संचिकानाम विस्ता|विस्तारों]] का इस्तेमाल करते हैं, इन्हें संचिका प्रकार भी कहा जाता है। विंडोज़ संगणकों में विस्तार संचिका के नाम के बाद एक बिंदु और बिंदु के आगे कुछ अक्षर का रूप लेता है, ये अक्षर संचिका के प्रकार की पहचान होते हैं। <code>'''.txt'''</code> विस्तार पाठ्य संचिका का पहचान है, <code>'''.doc'''</code> विस्तार किसी दस्तावेज़ का पहचान है, खासतौर पर [[माइक्रोसाफ़्ट वर्ड]] [[संचिका प्रारूप]] में; [[संचिका प्रारूपों की सूची|आदि इत्यादि]]। संगणक प्रणाली पर विस्तारों का इस्तेमाल होने पर भी, संगणक प्रणाली उन्हें किस हद तक पहचानता है और किस हद तक उनके अनुसार व्यवहार करता है, इसमें भी काफ़ी विविधता है, कुछ प्रणालियों में ये अनिवार्य हैं, जबकि कुछ और में इनके मौजूद होने से भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता, ये नज़रंदाज़ कर दिए जाते हैं।
 
==संचिकाओं की सुरक्षा==
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कई आधुनिक संगणक प्रणालियाँ संचिकाओं को नुकसान पहुँचने से (चाहे यह गलती से हुआ हो या जानबूझ कर किया गया हो) रोकने के तरीके प्रदान करती है। जो संगणक एक से अधिक प्रयोक्ताओं की सुविधा देते हैं वे [[संचिका अनुमतियाँ]] भी लागू करते हैं जिनसे यह नियंत्रित किया जा सकता है कि कौन संचिकाएँ व फ़ोल्डर बना, मिटा या बदल सकता है और कौन नहीं। उदाहरण के लिए किसी प्रयोक्ता को एक संचिका को बदलने की अनुमति हो सकती है पर मिटाने की नहीं, या फिर संचिकाएँ व फ़ोल्डर बनाने की अनुमति हो सकती है पर मिटाने की नहीं। अनुमतियों के जरिए यह भी निर्धारित किया जा सकता है कि केवल कुछ ही प्रयोक्ता किसी संचिका या फ़ोल्डर की सामग्री देख सकें। अनुमतियों के जरिए संचिकाओं में मौजूद सामग्री के अवैध बदलाव या विनाश से बचाव होता है, और निजी जानकारी को गोपनीय रखने के लिए अवैध प्रयोक्ताओं को कुछ संचिकाएँ देखने से रोका जा सकता है।
 
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कई संगणकों में एक और बचाव विधि मौजूद होती है जिसे "केवल पठनीय चिह्न" कहते हैं। यह चिह्न लगे होने पर(यह संगणक कार्यक्रम या मानवीय प्रयोक्ता द्वारा लगाया जा सकता है) संचिको का निरीक्षण किया जा सकता है पर बदला नहीं जा सकता है। यह चिह्न विकट जानकारी के लिए लाभदायक होता है जिसे बदला या मिटाया नहीं जाना चाहिए, जैसे कि संगणक प्रणाली के आंतरिक पुर्ज़ों द्वारा प्रयुक्त कुछ विशेष संचिकाओं के लिए। कुछ प्रणालियाँ एक "छिपी हुई चिह्न" भी शामिल करती हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि संचिका अदृश्य हो जाए। इस चिह्न के जरिए संगणक प्रणाली ऐसी ज़रूरी प्रणाली संचिकाओं को छिपाती है, जिन्हें प्रयोक्ताओं द्वारा बदला नहीं जाना चाहिए।
 
==संचिकाओं का भंडारण==
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उपरोक्त चर्चा में संचिका का वर्णन एक उच्च स्तरीय प्रचालन प्रणाली या प्रयोक्ता के लिए एक परिकल्पना के तौर पर हुआ है। लेकिन, किसी भी संचिका को वास्तव में काम लायक होने के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है। अर्थात्, एक संचिका की अमूर्त अवधारणा को वास्तविक संगणक प्रणाली में वास्तविक भौतिक रूप में होना आवश्यक है, अन्यथा उसका आस्तित्व होना न होना बराबर है।
 
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भौतिक रूप से अधिकतर संगणक संचिकाएँ किसी प्रकार के सामग्री भंडारण उपकरण में रखी जाती हैं। उदाहरण है ''[[हार्ड जिस्क]]'', जिसके जरिए अधिकतर [[प्रचालन प्रणाली|प्रचालन प्रणालियाँ]] चलती हैं। अधिकतर संचिकाएँ इन्हीं में रखी जाती हैं। २१वीं सदी के प्रारब्ध में हार्ड डिस्क सार्वाधिक उपलब्ध [[गैर वाष्पषील]] भंडारण उपकरण है। यदि संचिकाओं में केवल अस्थायी सामग्री ही हो तो उन्हें [[आरएएम]] में रखा जा सकता है।
 
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यूनिक्स जैसी प्रचालन प्रणालियों में कई संचिकाओं का किसी भौतिक भंडारण उपकरण से सीधा वास्ता नहीं होता है: <code>[[/dev/null]]</code> इसका एक प्रमुख उदाहरण है, इसी तरह <code>/dev</code>, <code>/proc</code> और <code>/sys</code> के अंतरंगत मौजूद लगभग सभी संचिकाएँ भी इसी प्रकार की हैं। इनका प्रयोक्ता क्षेत्र में संचिकाओं की तरह प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन ये आभासी संचिकाएँ हैं जो वास्तव में केवल प्रचालन प्रणाली की अष्ठि की वस्तुओं के तौर पर विद्यमान रहती हैं।
 
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संगणक संचिकाओं को चुंबकीय पट्टयों में भंडारित किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में संचिकाओं को अन्य माध्यमों में भी भंडारित किया जा सकता है जैसे कि लेखनीय ''[[काम्पैक्ट डिस्क]]'', ''[[अंकीय बहुविद डिस्क]]'', ''[[ज़िप ड्राइव]]'', ''[[यूएसबी फ़्लैश ड्राइव]]'' आदि।
 
==संचिकाओं की प्रति रखना==
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जब संगणक संचिकाओं में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी होते है तो ''[[प्रतिलिपि]]'' प्रक्रिया के जरिए ऐसी स्थितियों को परिणामों से बचने की कोशिश की जाती है जिनमें संचिकाएँ नष्ट हो सकती हैं। संचिकाओं की प्रतिलिपि करने का मतलब बस यही है कि संचिकाओं की प्रतियाँ किसी अन्य स्थान पर बान के रखना ताकि यदि मूल संगणक को कुछ हो जाता है या वे गलती से मिट जाती हैं तो प्रति के जरिए उन्हें वापस पाया जा सके।
 
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संचिकाओं की प्रति रखने के कई तरीके हैं। अधिकतर संगणक प्रणालियाँ सुविधात्मक कार्यक्रम प्रदान करते हैं जो कि प्रति रखने की प्रक्रिया में सुविधा प्रदान करते हैं, क्योंकि यदि बहुत सी संचिकाओं की प्रतियाँ रखनी हैं तो इसमें बहुत समय लग सकता है। संचिकाओं को अक्सर लेखनयोग्य सीडी या कार्ट्रिज टेपों जैसे हस्तांतरणीय माध्यमों में प्रतिलिपित किया जाता है। एक ही संगणक की दूसरी हार्ड डिस्क में संचिकाओं को प्रतिलिपित करने से एक डिस्क के खराब होने से तो बचाव हो जाता है पर यदि पूरे संगणक के खराब या नष्ट होने के जोखिम से बचाव करना है तो उन संचिकाओं की प्रतियाँ ऐसे माध्यम में करना ज़रूरी है जो इस संगणक से दूर ले जा के किसी सुरक्षित जगह पर भंडारित की जा सके।