"ईसाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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'''ईसाई धर्म''' ('''मसीही''' या '''क्रिश्चियन''') प्राचीन [[यहूदी धर्म|यहूदी परंपरा]] से निकला [[एकेश्वरवाद|एकेश्वरवादी]] धर्म है। इसकी शुरूआत प्रथम सदी ई. में [[फ़िलिस्तीनी राज्यक्षेत्र|फलिस्तीन]] में हुुुई, जिसके अनुयायी ईसाई कहलाते हैं। यह धर्म [[यीशु|ईसा मसीह]] की शिक्षाओं पर आधारित है। ईसाइयों में मुख्ययतः तीन समुदाय हैं, [[कैथोलिक कलीसिया|कैथोलिक]], [[प्रोटेस्टेंट संप्रदाय|प्रोटेस्टेंट]] और [[पूर्वी ऑर्थोडॉक्स चर्च|ऑर्थोडॉक्स]] तथा इनका धर्मग्रंथ [[बाइबिल]] है। ईसाइयों के धार्मिक स्थल को [[चर्च]] कहते हैं। विश्व में सर्वाधिक लोग '''ईसाई धर्म''' को मानते हैं।
 
ईसाई धर्म के अनुसार इस्लाम के जितने भी अनुयाई है वे सभी पापी है क्योंकि वे लोग ही दुनिया में सबसे ज्यादा हत्या करते आ रहे हैमूर्तिपूजा, हत्या, व्यभिचार व किसी को भी व्यर्थ आघात पहुंचाना पाप है। 4थी सदी तक यह धर्म किसी क्रांति की तरह फैला, किन्तु इसके बाद ईसाई धर्म में अत्यधिक [[कर्मकांड|कर्मकांडों]] की प्रधानता तथा [[कैथोलिक कलीसिया|धर्मसत्ता]] ने दुनिया को [[अंधकार युग]] में धकेल दिया था। फलस्वरूप [[पुनर्जागरण]] के बाद से इसमें रीति-रिवाज़ों के बजाय आत्मिक परिवर्तन पर अधिक ज़ोर दिया जाता है।
 
== ईश्वर ==