"अर्धनारीश्वर": अवतरणों में अंतर

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== शिव और शक्ति का संबंध ==
शक्ति शिव की अभिभाज्य अंग हैं। शिव नर के द्योतक हैं तो शक्ति नारी की। वे एक दुसरे के पूरक हैं। शिव के बिना शक्ति का अथवा शक्ति के बिना शिव का कोई अस्तित्व ही नहीं है। शिव अकर्ता हैं। वो संकल्प मात्र करते हैं; शक्ति संकल्प सिद्धी करती हैं।
 
[[चित्र:Ardhanari.png|150px|right|thumb|११वीं शताब्दी की [[चोल राजवंश|चोल]] मूर्ति]]
* शिव कारण हैं; शक्ति कारक।
* शिव संकल्प करते हैं; शक्ति संकल्प सिद्धी।
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* शिव रुद्र हैं; शक्ति महाकाली।
* शिव सागर के जल सामन हैं। शक्ति सागर की लहर हैं।
[[चित्र:Ardhanari.jpg|150px|right|thumb|११वीं शताब्दी की [[चोल राजवंश|चोल]] मूर्ति]]
[[File:"Ardhanarishvara " makeup (performance ).jpg|thumb|left|अर्धनारीश्वर श्रृंगार (प्रदर्शन)]]
शिव सागर के जल के सामान हैं तथा शक्ति लहरों के सामान हैं। लहर है जल का वेग। जल के बिना लहर का क्या अस्तित्व है? और वेग बिना सागर अथवा उसके जल का? यही है शिव एवं उनकी शक्ति का संबंध। आइये हम प्रार्थना करें शिव-शक्ति के इस अर्धनारीश्वर स्वरूप का इस अर्धनारीश्वर स्तोत्र द्वारा।
 
शिव सागर के जल के सामान हैं तथा शक्ति लहरों के सामान हैं। लहर है जल का वेग। जल के बिना लहर का क्या अस्तित्व है? और वेग बिना सागर अथवा उसके जल का? यही है शिव एवं उनकी शक्ति का संबंध। आइये हम प्रार्थना करें शिव-शक्ति के इस अर्धनारीश्वर स्वरूप का इस अर्धनारीश्वर स्तोत्र द्वारा।
==चित्र प्रदर्शनी==
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[[चित्र:Ardhanari.png|150px|right|thumb|११वीं शताब्दी की [[चोल राजवंश|चोल]] मूर्ति]]
[[चित्र:Ardhanari.jpg|150px|right|thumb|११वीं शताब्दी की [[चोल राजवंश|चोल]] मूर्ति]]
[[File:&quot;Ardhanarishvara &quot; makeup (performance ).jpg|thumb|left|अर्धनारीश्वर श्रृंगार (प्रदर्शन)]]
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