"हिन्दी दिवस": अवतरणों में अंतर

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कई लोग अपने सामान्य बोलचाल में भी अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों का या अंग्रेज़ी का उपयोग करते हैं, जिससे धीरे धीरे हिन्दी के अस्तित्व को खतरा पहुँच रहा है।<ref>{{समाचार सन्दर्भ|title=हिंदी भाषा की हो रही अनदेखी|url=http://www.jagran.com/haryana/kaithal-12883431.html|accessdate=14 सितंबर 2015|publisher=[[दैनिक जागरण]]|date=14 सितंबर 2015}}</ref> यहाँ तक कि [[वाराणसी]] में स्थित दुनिया में सबसे बड़ी हिन्दी संस्था आज बहुत ही खस्ता हाल में है।<ref>{{समाचार सन्दर्भ|title=हिंदी दिवस: काशी में हिंदी की सबसे बड़ी पीठ बदहाल|url=http://www.amarujala.com/news/samachar/national/varanasi-nagari-pracharini-sabha-is-in-critical-condition-hindi-news-sy/|accessdate=14 सितंबर 2015|publisher=[[अमर उजाला]]|date=14 सितंबर 2015|archive-url=https://web.archive.org/web/20160105235226/http://www.amarujala.com/news/samachar/national/varanasi-nagari-pracharini-sabha-is-in-critical-condition-hindi-news-sy/|archive-date=5 जनवरी 2016|url-status=live}}</ref> इस कारण इस दिन उन सभी से निवेदन किया जाता है कि वे अपने बोलचाल की भाषा में भी हिन्दी का ही उपयोग करें। इसके अलावा लोगों को अपने विचार आदि को हिन्दी में लिखने भी कहा जाता है। चूंकि हिन्दी भाषा में लिखने हेतु बहुत कम उपकरण के बारे में ही लोगों को पता है, इस कारण इस दिन हिन्दी भाषा में लिखने, जाँच करने और शब्दकोश के बारे में जानकारी दी जाती है। हिन्दी भाषा के विकास के लिए कुछ लोगों के द्वारा कार्य करने से कोई खास लाभ नहीं होगा। इसके लिए सभी को एक जुट होकर हिन्दी के विकास को नए आयाम तक पहुँचाना होगा। हिन्दी भाषा के विकास और विलुप्त होने से बचाने के लिए यह अनिवार्य है।<ref>{{समाचार सन्दर्भ|title=हिन्दी के विकास को एकजुटता जरूरी|url=http://www.amarujala.com/news/city/allahabad/allahabad-hindi-news/hindi-solidarity-essential-to-the-development-of-hindi-news/|accessdate=14 सितंबर 2015|publisher=अमर उजाला|date=14 सितंबर 2015}}</ref>|
 
2015}}</ref>|साथ ही जब तक संपूर्ण भारत देश में हिंदी को उच्च शिक्षा एवं शोध की भाषा नहीं बनाई जाएगी तब तक अंग्रेज़ी के वर्चस्व को हटाना संभव नहीं हो सकता। इसका अर्थ अंग्रेजी या किसी अन्य यूरोपीय भाषा के प्रति घृणा या नफरत नहीं है बल्कि इस वास्तविकता से सरोकार करना है कि वे भी महज एक भाषा ही हैं न कि ज्ञान मापने का कोई पैमाना। इसके पीछे एक तर्क यह भी है कि जब तक हमारे अध्ययन,शिक्षा एवं शोध की भाषा हमारी अपनी नहीं होगी तब तक हम पिछलग्गू ही बने रहेंगे,अगुआ कभी भी नहीं बन सकते। अतः सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास करना अपेक्षित है ताकि हिंदी में ही सभी उच्च शिक्षा तथा शोध कार्य हों,चाहे वह अभियंत्रण,आयुर्विज्ञान,प्रबंधन हो अथवा कला,वाणिज्य या अध्ययन का कोई भी अन्य क्षेत्र।
 
==राजभाषा सप्ताह==