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'''बैरकपुर''' [[भारत]] के [[पश्चिम बंगाल]] का एक प्रमुख शहर है। यह भारत में पश्चिमी बंगाल के [[उत्तर २४ परगना जिला|उत्तर 24 परगना]] जिले में [[हुगली नदी]] के पूर्वी किनारे पर स्थित नगर है। यह उत्तरी एवं दक्षिणी दो भागों में बँटा है। [[सेना]] की टुकड़ियों के निवास के कारण इसका नाम 'बैरकपुर' पड़ा यहाँ के आदि निवासी इसे चानक (Chanak) कहते हैं। [[१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम|प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]] का, जिसे अंग्रेज इंडियन म्यूटिनी कहते हैं, सूत्रपात इसी स्थान से हुआ था, जब [[मंगल पांडेय]] नामक सैनिक ने गाय और सूअर की चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग के विरोध में अंग्रेज अफसरों पर 29 मार्च 1857 ई. को गोली चलाई। यहाँ इस समय भी एक राइफल फैक्ट्री है। 13 अगस्त 2016 को स्मार्ट गंगा शहर कार्यक्रम के तहत कुल 10 शहरों का चयन किया गया है। यह शहर है: हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर। इस कार्यक्रम के तहत चुनिंदा शहरों के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व जल निकासी में जनभागीदारी के साथ सुधार जाएगा।
 
== इतिहास ==
बैरकपुर का एक लंबा इतिहास था जो जॉब चारनॉक के आने से बहुत पहले शुरू हुआ था, जो कुछ समय के लिए बैरकपुर में रहा था, एक बंगला उठाया, और एक छोटा सा बाजार बंद करके इकट्ठा हुआ। यहां उनकी मूल पत्नी की प्यारी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। इस क्षेत्र पर पहले बैरकपुर के नोना चंदनपुकुर स्थित ज़मींदारों की एक पंक्ति का शासन था। Ab ऐन-ए-अकबरी ’में, अबुल फ़ज़ल (1596–97) ने इस जगह को बारबकपुर के रूप में संदर्भित किया, और यह बिप्रदास पिपिलई (1495) द्वारा लिखित` मनसा विजय` में चाणक था। चाणक और आसपास के अन्य शहरों को हुगली नदी के किनारे मुख्य विपणन, व्यापार और आबादी वाले शहरों में विकसित किया गया था। स्थानीय नाम अचानाक, चाणक का स्थानीयकृत संस्करण लगता है।<ref>{{Cite web|url=https://barrackpore.net/history-of-barrackpore/|title=History Of Barrackpore|date=2020-09-15|website=Barrackpore|language=en-US|access-date=2020-09-16}}</ref>
 
==इन्हें भी देखें==