"रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 58:
== कृतियाँ ==
रामनरेश त्रिपाठी की '''चार काव्य-कृतियाँ''' मुख्य रूप से उल्लेखनीय
*'''मिलन''' (1918) १३ दिनों में रचित
*'''पथिक''' (1920) २१ दिनों में रचित
पंक्ति 85:
====हे प्रभो आनंददाता!====
: ''हे प्रभो आनंददाता ! ज्ञान हमको दीजिए,
: ''शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए।
: ''लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,
: ''ब्रह्मचारी, धर्मरक्षक, वीरव्रत धारी बनें। -- '' रामनरेश त्रिपाठी''
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