"ध्यान (क्रिया)": अवतरणों में अंतर

छो ध्यान से बुढ़ापा जल्दी नहीं आती है
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चित्त को एकाग्र करके किसी एक वस्तु पर केन्द्रित कर देना ध्यान कहलाता है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि भगवान का ध्यान करते थे। ध्यान की अवस्था में ध्यान करने वाला अपने आसपास के वातावरण को तथा स्वयं को भी भूल जाता है। ध्यान करने से आत्मिक तथा मानसिक शक्तियों का विकास होता है। जिस वस्तु को चित में बांधा जाता है उस में इस प्रकार से लगा दें कि बाह्य प्रभाव होने पर भी वह वहाँ से अन्यत्र न हट सके, उसे '''ध्यान''' कहते है।
 
=== [https://www.fitnesspath24.co.in/2020/06/meditation-ke-fayde-anek.html?m=1 ध्यान से लाभ] ===
ऐसा पाया गया है कि ध्यान से बहुत से मेडिकल एवं मनोवैज्ञानिक लाभ होते हैं।
 
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'''छोटी-छोटी बातें परेशान नहीं करतीं'''
* मन की यही प्रकृति (आदत) है कि वह छोटी-छोटी अर्थहीन बातों को बड़ा करके गंभीर समस्यायों के रूप में बदल देता है। ध्यान से हम अर्थहीन बातों की समझ बढ जाती है; उनकी चिन्ता करना छोड़ देते हैं; सदा बडी तस्वीर देखने के अभ्यस्त हो जाते हैं।
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=== बुढ़ापा नहीं आती है:- ===
 
==== ध्यान लगाने से हमारी उम्र मानो रुक सी जाती है। इसका मतलब है कि हम जल्दी बुड्ढा नहीं होते हैं। हमारी अंदरूनी शक्तियां बढ़ जाती है जो हमें जवान दिखने में मदद करती है। ध्यान लगाने से 60 साल का व्यक्ति 30 से 35 साल का दिखता है। ====
 
=== चिंता से छुटकारा ===