"तीर्थंकर": अवतरणों में अंतर
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{{स्रोत कम|date=अगस्त 2016}}
{{जैन धर्म}}
[[जैन धर्म]] में '''तीर्थंकर'''<ref>{{citation|title="तीर्थंकर" |url=https://www.jainismknowledge.com/2020/05/jain-dharm-me-tirthankar-kya-hota-hai.html|website=Jainism Knowledge}}</ref> ('''अरिहंत''', '''जिनेन्द्र''') उन २४ व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता है, जो स्वयं [[तप]] के माध्यम से आत्मज्ञान ([[केवल ज्ञान]]) प्राप्त करते है। जो संसार सागर से पार लगाने वाले तीर्थ की रचना करते है, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। तीर्थंकर वह व्यक्ति हैं जिन्होनें पूरी तरह से क्रोध, अभिमान, छल, इच्छा, आदि पर विजय प्राप्त की हो)। तीर्थंकर को इस नाम से कहा जाता है क्योंकि वे "तीर्थ" (पायाब), एक जैन समुदाय के संस्थापक हैं, जो "पायाब" के रूप में "मानव कष्ट की नदी" को पार कराता है।
== 24 तीर्थंकरो के नाम ==
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