कोटा का इतिहास [[राजा कोटिया भील]] से शुरू होता है , इन्होंने कोटा में नीलकंठ महादेव मंदिर स्थापित किया, जेत सिंह से युद्ध करते हुए वे शहिद हुए <Ref>{{https://www.google.com/amp/s/www.bhaskar.com/amp/news/RAJ-KOT-kota-founder-4381739-PHO.html}}</Ref> । कोटा कभी [[बूंदी]] राज्य का एक हिस्सा था। [[मुगल]] शासक [[जहांगीर]] ने जब बूंदी के शासकों को पराजित किया तो कोटा 1624 ई. में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित हुआ। राव माधो सिंह यहां के प्रथम स्वतंत्र शासक के रूप में गद्दी पर बैठे। 1818 ई. में कोटा [[ब्रिटिश]] साम्राज्य के अधीन हो गया।<ref>{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/news/RAJ-KOT-kota-founder-issue-4382116-NOR.html|title=कोटा की स्थापना और संस्थापक को लेकर विवाद गहराया, धारीवाल ने दी सफाई|date=2013-09-22|website=Dainik Bhaskar|language=hi|access-date=2020-09-18}}</ref>
कोटा कभी [[बूंदी]] राज्य का एक हिस्सा था। [[मुगल]] शासक [[जहांगीर]] ने जब बूंदी के शासकों को पराजित किया तो कोटा 1624 ई. में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित हुआ। [[राव माधो सिंह]] यहां के प्रथम स्वतंत्र शासक के रूप में गद्दी पर बैठे। 1818 ई. में कोटा [[ब्रिटिश]] साम्राज्य के अधीन हो गया।