"असहयोग आन्दोलन": अवतरणों में अंतर

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== नेताओं के विचार ==
 
असहयोग आन्दोलन के स्थगन पर [[मोतीलाल नेहरू]] ने कहा कि, "यदि [[कन्याकुमारी]] के एक गाँव ने अहिंसा का पालन नहीं किया, तो इसकी सज़ा हिमालय के एक गाँव को क्यों मिलनी चाहिए।" अपनी प्रतिक्रिया में [[सुभाषचन्द्र बोस]] ने कहा, "ठीक इस समय, जबकि जनता का उत्साह चरमोत्कर्ष पर था, वापस लौटने का आदेश देना राष्ट्रीय दुर्भाग्य से कम नहीं"। आन्दोलन के स्थगित करने का प्रभाव गांधी जी की लोकप्रियता पर पड़ा। 10 मार्च 1922 को गांधी जी को गिरफ़्तार किया गया तथा न्यायाधीश ब्रूम फ़ील्ड ने गांधी जी को असंतोष भड़कानेभतणरछथड़काने के अपराध में 6 वर्ष की कैद की सज़ा सुनाई। स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों से उन्हें 5 फ़रवरी 1924 को रिहा कर दिया गया।
 
== सन्दर्भ ==