"मनोज कुमार पांडेय": अवतरणों में अंतर

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राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण के पश्चात वे बतौर एक कमीशंड ऑफिसर ग्यारहवां गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन में तैनात हुये। उनकी तैनाती कश्मीर घाटी में हुई। एक बार मनोज को एक टुकड़ी लेकर गश्त के लिए भेजा गया। उनके लौटने में बहुत देर हो गई। इससे सबको बहुत चिंता हुई। जब वह अपने कार्यक्रम से दो दिन देर कर के वापस आए तो उनके कमांडिंग ऑफिसर ने उनसे इस देर का कारण पूछा, तो उन्होंने जवाब दिया, 'हमें अपनी गश्त में उग्रवादी मिले ही नहीं तो हम आगे चलते ही चले गए, जब तक हमने उनका सामना नहीं कर लिया।' इसी तरह, जब इनकी बटालियन को सियाचिन में तैनात होना था, तब मनोज युवा अफसरों की एक ट्रेनिंग पर थे। वह इस बात से परेशान हो गये कि इस ट्रेनिंग की वजह से वह सियाचिन नहीं जा पाएँगे। जब इस टुकड़ी को कठिनाई भरे काम को अंजाम देने का मौका आया, तो मनोज ने अपने कमांडिंग अफसर को लिखा कि अगर उनकी टुकड़ी उत्तरी ग्लेशियर की ओर जा रही हो तो उन्हें 'बाना चौकी' दी जाए और अगर कूच सेंट्रल ग्लोशियर की ओर हो, तो उन्हें 'पहलवान चौकी' मिले। यह दोनों चौकियाँ दरअसल बहुत कठिन प्रकार की हिम्मत की माँग करतीं हैं और यही मनोज चाहते थे। आखिरकार मनोज कुमार पांडेय को लम्बे समय तक 19700 फीट ऊँची 'पहलवान चौकी' पर डटे रहने का मौका मिला, जहाँ इन्होंने पूरी हिम्मत और जोश के साथ काम किया।<ref>{{Cite web |url=http://www.rediff.com/news/slide-show/slide-show-1-drass-memorial-invoking-memories-of-kargil-war/20110727.htm#4 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=31 जुलाई 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150924161626/http://www.rediff.com/news/slide-show/slide-show-1-drass-memorial-invoking-memories-of-kargil-war/20110727.htm#4 |archive-date=24 सितंबर 2015 |url-status=live }}</ref>
==ऑपरेशन विजय और वीरगति==
[[पाकिस्तान]] के साथ [[कारगिल युद्ध]] के कठिन मोर्चों में एक मोर्चा खालूबार का था जिसको फ़तह करने के लिए कमर कस कर उन्होने अपनी 1/11 गोरखा राइफल्स की अगुवाई करते हुए दुश्मन से जूझ गए और जीत कर ही माने। हालांकि, इन कोशिशों में उन्हें अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। वे 24 वर्ष की उम्र जी देश को अपनी वीरता और हिम्मत का उदाहरण दे गए।<ref name=PVC>{{citation|url=http://www.indianarmy.gov.in/Site/FormTemplete/frmPhotoGalleryWithMenuWithTitle.aspx?MnId=NCvnix4zLfQhf90l3OuEBw%3d%3d&ParentID=1tHir3NYQjroCJ9AgypEwg%3d%3d|accessdate=31 जुलाई 2015|title=The Param Vir Chakra Winners (PVC)|trans-title=परमवीर चक्र विजेता|publisher=भारतीय सेना का आधिकारिक जालस्थल|archive-url=https://web.archive.org/web/20150112084716/http://www.indianarmy.gov.in/Site/FormTemplete/frmPhotoGalleryWithMenuWithTitle.aspx?MnId=NCvnix4zLfQhf90l3OuEBw%3d%3d&ParentID=1tHir3NYQjroCJ9AgypEwg%3d%3d|archive-date=12 जनवरी 2015|url-status=livedead}} (अँग्रेजी में)</ref>
 
==फिल्म==