"मेगस्थनीज": अवतरणों में अंतर
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सबसे पहले हमे प्राचीन इतिहास से मेगस्थनीज का विवरण प्राप्त होता है इससे हमे धर्मनिरपेक्ष के इकाइयों के विवरण का पता चलता है जैसा की हम सब जानते है इतिहास को जानने के लिए इतिहास को तीन काल खंडों मे विभाजीत किया गया ! मै विशाल यादव
'''मेगस्थनीज''' ( 304 ईसापूर्व - 299 ईसा पूर्व) [[यूनान]] का एक राजदूत था जो [[चन्द्रगुप्त]] के दरबार में आया था। [[यूनाना|यूनानी]] सामंत सिल्यूकस [[भारत]] में फिर राज्यविस्तार की इच्छा से 305 ई. पू. भारत पर आक्रमण किया था किंतु उसे संधि करने पर विवश होना पड़ा था। संधि के अनुसार मेगस्थनीज नाम का राजदूत चंद्रगुप्त के दरबार में आया था। वह कई वर्षों तक चंद्रगुप्त के दरबार में रहा। उसने जो कुछ भारत में देखा, उसका वर्णन उसने "[[इंडिका]]" नामक पुस्तक<ref name="Internet Archive 2016">{{cite web | title=Full text of "Indika. The Country and the People of India and Ceylon" | website=Internet Archive | date=23 अक्टूबर 2016 | url=https://archive.org/stream/DKC0054/DKC_0054_djvu.txt | language = en | accessdate=22 जनवरी 2018}}</ref> में किया है।
मेगस्थनीज ने लिखा है कि सेना के छोटे बड़े सैनिकों को राजकोष से नकद वेतन दिया जाता था। सेना के काम और प्रबंध में राजा स्वयं दिलचस्पी लेता था। रणक्षेत्रों में वे शिविरों में रहते थे और सेवा और सहायता के लिए राज्य से उन्हें नौकर भी दिए जाते थे।
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