"महावीर जयन्ती": अवतरणों में अंतर

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#REDIRECT [[महावीर जन्म कल्याणक]]
 
==जन्म==
भगवान [[महावीर]] स्वामी का जन्म ईसा से ५९९ वर्ष पूर्व कुंडग्राम (बिहार), [[भारत]] मे हुआ था। वर्तमान में वैशाली (बिहार) के वासोकुण्ड को यह स्थान माना जाता है।
२३वें तीर्थंकर [[पार्श्वनाथ]] जी के निर्वाण ([[मोक्ष (जैन धर्म)|मोक्ष]]) प्राप्त करने के 188 वर्ष बाद इनका जन्म हुआ था।{{sfn|जैन|२०१५|प=२१०}}
[[जैन ग्रंथ|जैन ग्रन्थों]] के अनुसार जन्म के बाद देवों के मुखिया, [[इन्द्र]] ने सुमेरु पर्वंत पर ले जाकर बालक का क्षीर सागर के जल से अभिषेक कर नगर में आया। वीर और श्रीवर्घमान यह दो नाम रखे और उत्सव किया।{{sfn|जैन|२०१५|प=461}} इसे ही जन्म कल्याणक कहते है। हर तीर्थंकर के जीवन में [[पंचकल्याणक]] मनाए जाते है।
गर्भ अवतरण के समय [[तीर्थंकर]] महावीर की माता [[त्रिशला]] ने १६ शुभ स्वप्न देखे थे जिनका फल [[राजा सिद्धार्थ]] ने बताया था।{{sfn|जैन|२०१५|प=४६०}}
 
=== दस अतिशय ===
जैन ग्रंथों के अनुसार तीर्थंकर भगवन के जन्म से ही दस अतिशय होते है।{{sfn|Pramansagar|2008|p=22-24}} यह हैं-
# पसीना न आना
# निर्मल देह
# दूध की तरह सफ़ेद रक्त
# अद्भुत रूपवान शरीर
# सुगंध युक्त शारीर
# उत्तम संस्थान (शारीरिक संरचना)
# उत्तम सहनन
# सर्व 1008 सुलक्षण युक्त शरीर
# अतुल बल
# प्रियहित वाणी
 
यह अतिशय उनके द्वारा पूर्व जन्म में किये गए तपश्चर्ण के फल स्वरुप प्रकट होते है।{{sfn|Pramansagar|2008|p=23-24}}
 
== उत्सव ==