"विद्युत जनित्र": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Gorskii 04414u.jpg|thumb|right| बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक दिनों का [[अल्टरनेटर]], जो [[बुडापेस्ट]] में बना हुआ है।]]
 
'''विद्युत जनित्र''' (इलेक्ट्रिक जनरेटर) एक ऐसी युक्ति है जो [[यांत्रिक ऊर्जा|यांत्रिक उर्जा]] को [[विद्युत शक्ति|विद्युत उर्जा]] में बदलने के काम आती है। इसके लिये यह प्रायः माईकल फैराडे के [[विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण|विद्युतचुम्बकीय प्रेरण]] (Electromagnetic InductionInductiocn) के सिद्धान्त का प्रयोग करती है। [[विद्युत मोटर]], इसके विपरीत [[विद्युत शक्ति|विद्युत उर्जा]] को [[यांत्रिक ऊर्जा|यांत्रिक उर्जा]] में बदलने का कार्य करती है। विद्युत मोटर एवं विद्युत जनित्र में बहुत कुछ समान होता है और कई बार एक ही मशीन बिना किसी परिवर्तन के दोनो. की तरह कार्य कर सकती है।
 
विद्युत जनित्र, [[विद्युत आवेश]] को एक वाह्य परिपथ से होकर प्रवाहित होने के लिये वाध्य करता है। लेकिन यह आवेश का सृजन नहीं करता। यह जल-पम्प की तरह है जो केवल जल-को प्रवाहित करने का कार्य करती है, जल पैदा नहीं करती।