"हेपेटाइटिस सी": अवतरणों में अंतर
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यकृत एंजाइम परीक्षणों में एएलटी (ALT) औऱ एएसटी (AST) की भिन्न ऊंचाई दिखाई देती है. समय-समय पर वे सामान्य परिणाम भी दिखा सकते हैं. आमतौर पर प्रोथ्रोम्बीन और एल्बुमीन के परिणाम सामान्य होते हैं लेकिन एक बार सिरोसिस होने पर असामान्य हो सकते हैं. यकृत परीक्षणों की ऊंचाई का स्तर बायोप्सी पर यकृत के नुकसान के साथ मेल नहीं खाते हैं. वायरल जीनोटाइप और विषाणु जनित भार भी यकृत की चोट के साथ मेल नहीं खाते. नुकसान (स्केरिंग) और सूजन का सही निर्धारण करने के लिए जिगर की बायोप्सी सबसे अच्छा परीक्षण है. अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसे रेडियोग्राफिक अध्ययन अगर काफी उन्नत न हो तो यकृत के नुकसान को नहीं दर्शाते. हालांकि, लीवर फाइब्रोसिस और नेक्रोटिको-सूजन का आकलन करने के लिए क्रमशः फाइब्रो टेस्ट<ref name="pmid16931569">{{cite journal |author= Ngo Y, Munteanu M, Messous D, Charlotte F, Imbert-Bismut F, Thabut D, Lebray P, Thibault V,Benhamou Y, Moussalli J, Ratziu V, Poynard T|title= A prospective analysis of the prognostic value of biomarkers (FibroTest) in patients with chronic hepatitis C |journal= Clin Chem| volume=52|pages=1887–96 |year=2006 |pmid=16931569 |doi= 10.1373/clinchem.2006.070961 |last12= Poynard |first12= T |issue= 10 }}</ref> और एक्टीटेस्ट जैसे गैर आक्रामक परीक्षण (खून का नमूना) आ रहे हैं. इन परीक्षणों की पुष्टि<ref name="pmid18973844">{{cite journal |author= Halfon P, Munteanu M, Poynard T|title= FibroTest-ActiTest as a non-invasive marker of liver fibrosis |journal= Gastroenterol Clin Biol |volume=32|issue=6 |pages=22–39 |year=2008 |pmid= 18973844|doi=10.1016/S0399-8320(08)73991-5}}</ref> हो चुकी है और यूरोप में इनकी सिफारिश की जा चुकी है (संयुक्त राज्य अमेरिका में एफडीए (FDA) प्रक्रियाएं शुरू हो चुकी हैं)
हेपेटाइटिस सी के अन्य रूपों की तुलना में दीर्घकालिक हेपेटाइटिस को एकस्ट्राहेपेटिक प्रदर्शन के साथ जोड़ा जा सकता है, जो एचसीवी (HCV) की उपस्थिति से जैसे कि पोरफाइरिया कुटेनिया टार्डा, क्रायोग्लोबुलिनेमिया (स्मॉल वेसल वेसकुलिटिस का एक स्वरुप)<ref name="pascual">{{cite journal | author = Pascual M, Perrin L, Giostra E, Schifferli J | title = Hepatitis C virus in patients with cryoglobulinemia type II. | journal = J Infect Dis | volume = 162 | issue = 2 | pages = 569–70 | year = 1990 | pmid = 2115556}}</ref>, ग्लोमेरुलोनफ्राइटिस (गुर्दे की सूजन और जलन) और खासकर, मेम्ब्रानोप्रोलिफरेटिव ग्लोमेरुलोनफ्राइटिस-एमपीजीएन (MPGN) से जुड़ा होता है.[24] हेपेटाइटिस सी को शायद ही कभी सिक्का सिंड्रोम (sicca syndrome) थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया, लिचेन प्लेनस, डायबीटीज़ मेलिटस और बी- सेल लिम्फोप्रोलाइफरेटिव विकार से जोड़ा जाता
== विषाणु विज्ञान (वायरोलॉजी) ==
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