"सन्धिपाद": अवतरणों में अंतर
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'''सन्धिपाद''' (अर्थोपोडा) प्राणी जगत का सबसे बड़ा संघ है। पृथ्वी पर सन्धिपाद की लगभग दो तिहाई जातियाँ हैं, इसमें [[कीट]] भी सम्मिलित हैं। इनका शरीर सिर, वक्ष और उदर में बँटा रहता है। शरीर के चारों ओर एक खोल जैसी रचना मिलती है। प्रायः सभी खंडों के पार्श्व की ओर एक संधियुक्त शाखांग होते हैं। सिर पर दो संयुक्त नेत्र होते हैं। ये जन्तु एकलिंगी होते हैं और जल तथा स्थल दोनों स्थानों पर मिलते हैं। [[तिलचट्टा]], [[मच्छर]], [[डिप्टेरा|मक्खी]], [[शतपाद]], [[झींगा|झिंगा]], [[केकड़ा]] आदि इस संघ के प्रमुख जन्तु हैं।
* इस संघ के सदस्य स्थल, जल तथा वायु अर्थात् जीवन की उपस्थिति वाले हर क्षेत्र में बहुलता से पाये जाते हैं।
* इनका [[शरीर]] खंडयुक्त (Segmented), त्रिस्तरीय (Triploblastic) तथा द्विपार्श्विक सममित (Bilaterally symmetrical) होता है।
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