"गधा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 49:
जाने कालसर्प के लक्षण-
ऐसा लगता है कि गधा भी बेचारा कालसर्प से पीड़ित होता है। जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष होता है, वह व्यक्ति भी जीवन भर गधे की तरह अथाह मेहनत करके भी कुछ भी नहीं प्राप्त कर पाता है।
amarutam डॉट को डॉट इन द्वारा प्रस्तुत
गधे की【16】जबरदस्त कहावतें—▼
【१】गधे के खाइल खेत, न इहलोक के रहे, न परलोक के रहे।
अर्थात-क्षुद्र या छोटी सोच वालों के साथ नेकी करने से कोई लाभ नहीं होता।
【२】गेढा खरसा यानी गर्मी में मोटा होता है।
【३】गधा घोड़ा एक भाव अर्थात योग्य आदमी की परख न करने वाला या सोने-पीतल में फर्क न समझने वाला मूर्ख व्यक्ति।
【४】गधा पानी पिये खँगोल के। गधा पानी को गन्दा करके ही पियेगा।
【५】गधा पीते घोड़ा नहीं होता यानि मूर्ख को पीटने से वह जिकनी नहीं होगा।
【६】गधा बरसात में भूखा मरे अर्थात बरसात मेंअधिक घांस होने के कारण गेढा कहा नहीं पाता और भूखा मरता है।
【७】घड़ी भी जवानी में खूबसूरत लगती है। यह बदसूरत लड़कियों पर कटाक्ष है।
【८】गधे का जीना, थोड़े दिन भला। मतलब बेचारा जीवन भर मेहनत करता है, इससे तो मरना भला।
【९】गधे का मांस, कुत्ते के दांत किसी काम का नहीं होता।
【१०】गधे की आंख में नोन (नमक) दिया, उसने कहा..."मेरी आँख फोड़ी" कहने का आशय यही है कि मूर्ख का भला करने पर वह सोचता है कि मेरा नुकसान तो नहीं हो जाएगा।
【११】गधे के खिलाये पुण्य न पाप।
【१२】गधे को दिखाएं-अंगूरी बाग।
【१३】गधे को गधा की खुजाता है यानि ओछों कि संगत ओछे लोग ही करते हैं
【१४】गधों से हल चले, तो बैल कौंन बिसाय अर्थात यदि छोटों से कम पूरे होने लगें, तो बड़ों को कौंन पूछेगा।
【16】खुदा मेहरवान, तो गेढा पहलवान यानी जिस पर सदगुरु या ईश्वर की कृपा होने लगती है, तो गधा, वेवकूफ आदमी भी नेता या धनवान बन जाता है।
देश की राजधानी दिल्ली में और राज्यों की राजधानी में बहुत से श्वेत वस्त्रधारी गधों का जमावड़ा रहता है।
गधा पुराण को प्रणाम—
ग्वालियर शहर के प्रसिद्ध गीतकार श्री कैलाश कमल जी ने एक गधा पुराण लिखकर विश्व को चोंका दिया था। इनकी लिखी रचना फिलहाल कहीं गुम गई है। मिलते ही कुछ अंश इसमें जोड़ दिये जायेंगे
इनके एक पुत्र पुष्पराज जैन मासूस बहुत अच्छे कवि हैं और दूसरे पुत्र केदार जैन देश के विख्यात फोटोग्राफर हैं। तानसेन समारोह की आर्ट गैलरी इनके द्वारा ही सजाई जाती है।
▲गधे की कहावतें—
▲¶~ गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना।
गधी बहुत परिश्रमी होने से इनका इम्यून सिस्टम बहुत मजबूत होता है। हो सकता है कि गधी के दूध से कोरोना का इलाज होगा इसकी कोई खास सन्तुष्ट जानकारी नहीं मिली। कुल मिलाकर दुनिया को प्राकृतिक चिकित्सा की तरफ लौटना ही पड़ेगा।
हम आयुर्वेद के अनुसार इतनी गारंटी ले सकते हैं कि कैसा भी गधा-गवाँर या मूर्ख इन्सान हो, यदि वह निम्नलिखित जड़ीबूटियों का सेवन करें, तो निश्चित ही ज्ञानी बन सकता है।
ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अगर, जटामांसी, शतावर, अश्वगंधा,
भृङ्गराज, त्रिकटु, हरीतकी मुरबा, गुलाब, खसखस, स्मृतिसागर रस, ब्राह्मी वटी, स्वर्ण भस्म, नीलोफर, इलायची, चतुर्ज़ात, मॉलकांगनी एवं गाजर, आदि ओषधियों का नियमित सेवन करे, तो वह विद्वान हो सकता है।
अधिकांश बड़े, अमीर लोग बचपन से अपने बच्चों को यह योग सेवन कराते हैं।
आप चाहें, तो अमृतम कम्पनी द्वारा निर्मित
¶~ ब्रेन की गोल्ड मॉल्ट
¶~ ब्रेन की गोल्ड टैबलेट
का हमेशा दूध के साथ सेवन कर अपनी बुद्धि को तेज-तर्राट बना सकते हैं। यह मानसिक विकार, तनाव, डिप्रेशन, कमजोर याददाश्त, सिर दर्द, माइग्रेन, बेचैनी आदि समस्याओं का जड़मूल से अंत कर देता है।
स्वस्थ्य रहने के लिए अमृतम आयुर्वेदा लाइफ स्टाइल (amrutam Life Style) इस किताब का online अध्ययन करें-
असन्तुलित वात-पित्त-कफ अर्थात त्रिदोषों की जांच स्वयं अपने से करने के लिए यह अंग्रेजी की किताब आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें उपाय भी बताएं। अपनी लाइफ स्टाइल बदल कर सदैव स्वस्थ्य रह सकते हैं। केवल ऑनलाइन उपलब्ध है- सर्च करें-amrutam
गधा अपने शरीर की मालिश नहीं कर सकता, लेकिन आप कर सकते हो। अतः चन्दन, बादाम, जैतून, केशर आदि से निर्मित काया की तेल आपकी काया का कायाकल्प कर देगा। एक बार उपयोग करके देलह सकते हैं। इसकी सुगन्ध भी अत्यन्त महकदार है।
भावप्रकाश आदि शास्त्रों में गाय-भैसों के दूध के अनेकों लाभ बताये हैं।
कुछ समय पहले डेंगू फीवर में लोगों को बकरी के दूध से आराम मिला था।बकरी के दूध के फायदे-
लघु भावप्रकाश ग्रन्थ में संस्कृत का उल्लेख है कि-
छागं कषायं मधुरं ग्राहि तथा अर्थात-बकरी अधिक मेहनत करने, घूमने, फिरने कुछ भी खाने के कारण इसका दूध अनेक रोगों का नाश करता हव। निघण्टु में 10 तरह के पशुओं के दूध के बारे में वर्णन है लेकिन गधी के दूध के विषय में निघण्टु कार ने कुछ भी नहीं लिखा है।हो सकता है कि घोड़ी के गुण जैसा ही गधे का दूध का असर हो।किताब के फोटो देखें। कुछ संस्कृतियों में किसी मूर्ख व्यक्ति को भी गधा कहा जाता है। गधे के बारे में बहुत [[कहावत|कहावतें]] भी प्रचलित हैं, जैसे : "धोबी का गधा, न घर का, न घाट का", "गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना"। गधे की दुलत्ती प्रसिद्ध है।
|