"पाञ्चाल": अवतरणों में अंतर

Rupesh Panchal life रूपेश पांचाल की जिंदगी
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'''पांचाल''' या '''पांचाल राज्य''' प्राचीन भारत के १६ [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक था। यह [[उत्तर]] में [[हिमालय]] के [[भाभर]] क्षेत्र से लेकर [[दक्षिण]] में [[चंबल नदी|चर्मनवती]] नदी के उत्तरी तट के बीच के [[मैदान|मैदानों]] में फैला हुआ था। इसके [[पश्चिम]] में [[कुरु]], [[मत्स्य]] तथा [[सुरसेन]] राज्य थे और [[पूर्व]] में [[नैमिषारण्य]] था। बाद में यह दो भागों में बाँटा गया। उत्तर पांचाल हिमालय से लेकर [[गंगा]] के उत्तरी तट तक था तथा उसकी राजधानी [[अहिछत्र]] थी तथा दक्षिण पांचाल गंगा के दक्षिणी तट से लेकर चर्मनवती तक था और उसकी राजधानी [[काम्पिल|काम्पिल्य]] थी।<ref>{{cite book |last=नाहर |first= डॉ रतिभानु सिंह|title= प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास |year= 1974 |publisher= किताबमहल|location= इलाहाबाद, भारत|id= |page= 112|editor: |access-date= 19 मार्च 2008}}</ref><br />
रूपेश पांचाल वर्तमान में शासकीय हाई स्कूल kodkiya जिला - राजगढ़ राज्य - मध्यप्रदेश भारत के स्कूल में स्टूडेंट है ।
अखण्ड पांचाल की सत्ता [[पाण्डव|पाण्डवों]] के ससुर तथा [[द्रौपदी]] के पिता [[द्रुपद]] के पास थी। कहा जाता है कि पहले द्रुपद तथा पाण्डवों और [[कौरव|कौरवों]] के गुरु [[द्रोणाचार्य]] के बीच घनिष्ट मित्रता थी लेकिन कुछ कारणवश दोनों में मन-मुटाव हो गया। फलतः दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। युद्ध में द्रुपद की हार हुयी और पांचाल का विभाजन हुआ। उत्तर पांचाल के राजा द्रोणाचार्य के पुत्र [[अश्वत्थामा]] मनोनीत हुये तथा द्रुपद को दक्षिण पांचाल से ही संतोष करना पड़ा। दोनों राज्यों को गंगा अलग करती थी।
वह एक साधारण छात्र तो है परंतु वह बुद्धिमान और चतुर छात्र और साथ ही मेहनती छात्र है, वह अपने स्कूल में हर वर्ष अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने का हौसला रखते हैं और मेहनत करके प्रथम भी आते है।
इनके गुरुओं का नाम और परिचय नीचे देखिए:-
(1) प्रकाश कारपेंटर
(2) संध्या तिवारी
(3) कृष्ण पुरोहित
 
इनके पसंदिता गुरु इस प्रकार हैं:-
(१) फूलचंद जी वर्मा (विज्ञान के गुरु)
(२) मोहनलाल जी पंवार (प्रिंसीपल)
(३) जितेन्द्र सिंह मंडलोई (संस्कृत टीचर )
(४) रितेश कुमार राठौर जी (गणित और इंग्लिश के गुरु)
(५) सिद्धूनाथ जी वर्मा (रामनिवास वाले) {सामाजिक विज्ञान के गुरु}
 
यह सब रूपेश पांचाल के बहुत प्रिय गुरुजी है क्योंकि यह रूपेश पांचाल या जो भी छात्र हो उसे जो भी दिक्कत हो रही हो तो उसे पूरी तरह ठीक करने की कोशिश करते हैं।
 
इनका जन्म राजगढ़ जिले के kodkiya गांव में हुआ था यह बोहोत गरीब परिवार से है इनकी तो जमीन भी नहीं है ।
 
इनके परिवार सदस्य
पिताजी का नाम श्रीमान जगदीश पांचाल यह वेल्डिंग का कार्य किया करते हैं।
माताजी श्रीमती लालता बई पांचाल ।
बहन रवीना पांचाल ।
यह शुरू से ही एक साधारण छात्र नहीं है इनकी जिंदगी में कई तरह की परेशानियां आती है और यह उनका डटकर मुकाबला करना जानते हैं , परंतु कोई बार यह रो पड़ते हैं क्योंकि इनकी माताजी कई बार मानसिक रोगी की अवस्था में होती है और फिर ऑटो मेटिक ठीक भी हो जाती है ।
सरकार को रूपेश पांचाल की मदद करनी चाहिए.!
 
 
 
== सन्दर्भ ==