"बैंक खाता": अवतरणों में अंतर

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खातों की अलग-अलग प्रकृति होती है। कुछ खाते ऐसे होते हैं जिनमें कभी भी कुछ राशि जमा करने की सुविधा दी गयी होती है और यह भी निर्धारित रहता है कि एक माह में अधिक से अधिक कितनी बार इस प्रकार के खाते से धन निकाला जा सकता है। ऐसे खातों को '''[[बचत खाता]]''' कहते हैं। कुछ खाते केवल ऋण लेने के लिए खोले जाते हैं जिनसे आवश्यक होने पर पैसा निकाला जा सके। ऐसे खाते '''ऋण खाते''' (loan account) कहलाते हैं। जब कोई व्यक्ति कोई राशि को एक निश्चित समय के लिए जमा कर देता है तो ऐसे खाते को '''सावधि खाता''' (fixed deposite) कहते हैं। ऐसे खातों का पैसा उस निश्चित अवधि के बाद ही मिलता है। यदि किसी कारण उससे बीच में ही पैसा चाहिए तो भी पैसा मिलता है किन्तु उतनी नहीं जितनी नियत ब्याज दर से गनना करके मिलनी चाहिए थी। इसमें से कुछ पैसा 'दण्ड' (पेनाल्टी) के रूप में काट लिया जाता है। एक और प्रकार का खाता बहुत प्रचलित है जिसमें ग्राहक एक निश्चित समयावधि पर कुछ निश्चित राशि जमा करता है (जैसे हर महीने १०० रूपए ; प्रत्येक वर्ष ५००० रूपए आदि)। ऐसे खातों को '''आवर्ती जमा''' (रिकरिंग डिपॉजिट) कहते हैं। इन खातों में एक पूर्व-निर्धारित अवधि तक पैसा जमा करना पड़ता है, उसकी समाप्ति पर पूरा पैसा ब्याज सहित मिलता है।
 
विभिन्न आय वर्ग के लोगों, उनकी जरूरतों और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के बैंक खातों का विकास हुआ है, जैसे चालू खाता बड़े व्यापारी या संस्थान खुलवाते हैं जबकि बचत खाता, मध्य आय वर्ग के लोग खुलवाते हैं l<ref>{{Cite web |url=https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/what-are-the-different-types-of-bank-accounts-in-india-in-hindi-1491903429-2 |title=भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खोले जाते हैं? |access-date=6 अप्रैल 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171029133723/http://www.jagranjosh.com/general-knowledge/what-are-the-different-types-of-bank-accounts-in-india-in-hindi-1491903429-2 |archive-date=29 अक्तूबर 2017 |url-status=livedead }}</ref>
 
भारत में चलने वाले प्रमुख खाते ये हैं-