"लहसुन": अवतरणों में अंतर

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|name = लहसुन
|image = Allium sativum Woodwill 1793.jpg
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==परिचय==
[[चित्र:Garlic.jpg|left|thumb|300px|लहसुन]]
[[आयुर्वेद]] और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है। [[भारत]] का [[चीन]] के बाद विश्व में क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान है जो क्रमशः 1.66 लाख हेक्टेयर और 8.34 लाख टन है। लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें [[प्रोटीन]] 6.3 प्रतिशत , [[वसा]] 0.1 प्रतिशत, [[कार्बोज]] 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, [[चूना]] 0.3 प्रतिशत [[लोहा]] 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। इसके अतिरिक्त [[विटामिन]] ए, बी, सी एवं [[सल्फ्यूरिक एसिड]] विशेष मात्रा में पाई जाती है। इसमें पाये जाने वाले [[गंधक|सल्फर]] के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में एक [[ऐलीसिन]] भी है जिसे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है। अगर लहसुन को महीन काटकर बनाया जाये तो उसके खाने से अधिक लाभ मिलता है। यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। लहसुन, [[सेलेनियम]] का भी अच्छा स्रोत होता है। गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिये।
 
लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है तथा जिसकी खेती अब दुनिया भर में होती है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के अलावा, भारत 17,852 मीट्रिक टन (जिसका मूल्य 3877 लाख रुपये हैं) का निर्यात करता है। पिछले 25 वर्षों में भारत में लहसुन का उत्पादन 2.16 से बढ़कर 8. 34 लाख टन हो गया है।
लहसून के उपयोग :
 
१. कफ संबंधित बीमारी होने पर छोटे बच्चों के गले में लहसून की माला पहनाकर है।
 
२. लहसून की पेस्ट करके उसका लेप आमवात पर सूज होनेवाली व्याधी पर करते हैं।
 
३. छाती में वेदना हो रही हो तो लहसून का रस की मॉलिश करना चाहिए।
 
४. गजकर्ण जैसे खाज खुजलीवाले त्वचारोग पर लहसून का रस नियमितरूप से मॉलिश करनेपर ठीक होता है।
 
५. किडा काटने पर वेदना और खाज, खुजली होने पर लहसून का रस मले।
 
६. कान में वेदना हो रही हो तो कान में लहसून का रस डालकर मीठा तेल डाले व छाती पर मले तो कफ सूखी खासी ठीक होती है।
 
७. भूक न लगना, अजीर्ण, पेट में वेदना, जंत, ऐसे समय लहसून नित्य सेवन कराये आराम मिलता है।
 
८. चावल खाने पर पेट फुगता है तो लहसूण डालकर पकाये चावल खाने दे।
 
९. हृदय की अतिउत्तेजना कम करके हृदय को आई सूजन लहसन कम करता है।
 
१०. लहसुन डालकर उबला दुध देनेपर पुरानी खॉसी दमा, क्षयरोग का नाश होता है।
 
११. लहसून मन की थकान दूर करता है।
 
१२. हड्डी टूटने पर लहसन डालकर उबला दूध दिया तो हड्डी जल्दी जुड़ी है।
 
१३ . लहसून में नैसर्गिक रूप से गंधक होता है। कच्चा लहसून खाया तो उसमें का गंधक उत्सर्जित होकर त्वचा से पसीने के रूप में निकल जाता है।
 
==सन्दर्भ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/लहसुन" से प्राप्त