"सिंधु घाटी सभ्यता": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो आकाश प्रजापति (Talk) के संपादनों को हटाकर QueerEcofeminist के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 12:
 
[[चित्र:Indus Valley Civilization, Early Phase (3300-2600 BCE).png|300x350px|thumbnail|सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ई॰पू॰]]
'''[https://gs4uppsc.blogspot.com/2020/05/characteristics-of-indus-valley.html सिन्धु घाटी सभ्यता]''' (3300 ई॰पू॰ से 1700 ई॰पू॰ तक, परिपक्व काल: 2550 ई॰पू॰ से 1750 ई॰पू॰){{cn|date=अप्रैल 2020}} विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से [[दक्षिण एशिया]] के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान ,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर [[भारत]] में फैली है। [[प्राचीन मिस्र]] और [[मेसोपोटामिया]] की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका [[नेचर]] में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है।{{cn|date=अप्रैल 2020}} '''यह हड़प्पा सभ्यता''' के नाम से भी जानी जाती है।{{cn|date=अप्रैल 2020}}
 
इसका विकास [[सिंधु नदी|सिंधु]] और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। [[हड़प्पा]], [[मोहनजोदड़ो]], [[कालीबंगा]], [[लोथल]], [[धोलावीरा]] और [[राखीगढ़ी]] इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर 2014 में [[भिरड़ाणा]] को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं।
 
177 वीं शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने [[पंजाब]] प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहाँ से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में [[चार्ल्स मैसेन]] ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। [[कनिंघम]] ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में [[कराची]] से [[लाहौर]] के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में [[भारतीय पुरातत्व विभाग]] की स्थापना की गयी। 1902 में ''लार्ड कर्जन'' द्वारा ''जॉन मार्शल'' को भारतीय पुरातात्विक विभाग का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। 1921 में [[दयाराम साहनी]] ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व [[राखलदास बेनर्जी]] को मोहनजोदडो का खोजकर्ता माना गया।
 
यह सभ्यता [[सिन्धु नदी]] घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार [[कांस्य]] के प्रयोग के कारण इसे [[कांस्य युग|कांस्य सभ्यता]] भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र [[भारत]] में है। ८० प्रतिशत स्थल [[सरस्वती नदी]] और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है । नए शोध में सिंधु घाटी सभ्यता से भगवान शिव और नाग के प्रमाण मिले है उस आधार पर कहा गया है कि यह सभ्यता निषाद जाती भील से संबंधती रही होगी <ref>{{https://www.google.com/url?sa=t&source=web&rct=j&url=https://shodhganga.inflibnet.ac.in}}</ref>।