"ऋचा": अवतरणों में अंतर
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[[वेद]] के श्लोकों ([[मन्त्र|मंत्रों]]) को '''ऋचा''' कहते हैं। 'ऋचा' की [[व्युत्पत्तिशास्त्र|व्युत्पत्ति]] 'ऋक्' से हुई है जिसका अर्थ 'प्रशंसा करना' है।
(ऋचाओं के सार को व्यक्त करने वाला "ऋचांत" होता है) जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की [https://www.onlinequize.in/2020/09/all-general-knowledge.html ऋग्वेद] ऋचाओं का संग्रह है [https://www.onlinequize.in/2020/09/all-general-knowledge.html '''इसमें 10462 ऋचाएं हैं, ऋचाओं से अभिप्राय मंत्रो से होता''' है]।
[[श्रेणी:वेद]]
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