No edit summary
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 67:
-
 
=पर्यटन स्थल=
== Dholpur ==
*खाटू श्याम जी मंदिर: भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के बारे में सभी जानते हैं कि वह मात्र तीन बाण ही लेकर युद्ध क्षे‍त्र में लड़ने जा रहे थे।
 
 
इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण के भेष में उनसे दान में उनका शीश मांग लिया था। दान के पश्चात्‌ श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में स्वयं के नाम से पूजित होने का वर दिया। बर्बरीक ने श्रीकृष्‍ण के समक्ष एक यह इच्छा भी व्यक्त की कि मैं यह युद्ध देखना चाहता हूं तब श्रीकृष्ण ने उसकी इच्छा से उस शीश को श्रीकृष्ण ने एक स्थान पर रखवा दिया लेकिन वह जिधर भी देखता उधर की सेना का सफाया हो जाता ऐसे में श्रीकृष्‍ण ने उसके शीश को दूर एक स्थान पर रखवा दिया।
आज उस स्थान को खाटू श्याम का स्थान कहा जाता है। श्रीकृष्ण के वरदान स्वरूप ही उनकी पूजा श्याम रूप में की जाती है। राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मं‍दिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के मुताबिक सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।
 
== Badi ==
<br />