"हवामहल": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:HawaMahal.jpg|thumb|250px| हवामहल]]
 
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'''हवा महल''' भारतीय राज्य [[राजस्थान]] की राजधानी [[जयपुर]] में एक राजसी-महल है। इसे सन 1799 में [[महाराजा]] [[ब्रजनिधि|सवाई प्रताप सिंह]] ने बनवाया था और इसे किसी 'राजमुकुट' की तरह वास्तुकार [[हवामहल|लाल चंद उस्ता]] द्वारा डिजाइन किया गया था। इसकी अद्वितीय पांच-मंजिला इमारत जो ऊपर से तो केवल डेढ़ फुट चौड़ी है, बाहर से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते के समान दिखाई देती है, जिसमें ९५३ बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियाँ हैं, जिन्हें [[खिड़की|झरोखा]] कहते हैं। इन खिडकियों को जालीदार बनाने के पीछे मूल भावना यह थी कि बिना किसी की निगाह पड़े "पर्दा प्रथा" का सख्ती से पालन करतीं राजघराने की महिलायें इन खिडकियों से महल के नीचे सडकों के समारोह व गलियारों में होने वाली रोजमर्रा की जिंदगी की गतिविधियों का अवलोकन कर सकें। इसके अतिरिक्त, "[[वेंचुरी प्रभाव]]" के कारण इन जटिल संरचना वाले जालीदार झरोखों से सदा ठंडी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज़ गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित सा ही रहता है।