"जया गोस्वामी": अवतरणों में अंतर

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'''जया गोस्वामी''' [[हिंदी]] की वरिष्ठ [[कवि|कवयित्री]], शायरा, व्यंग्यकार, लेखिका और [[चित्रकार]] हैं।<ref>{{Cite web|url=http://hindimedia.in/hindichetna-july-september-2015-issue-on-the-internet/?print=print|title=‘हिन्‍दीचेतना’ का जुलाई-सितम्‍बर 2015 अंक इंटरनेट पर - Hindi Media|website=hindimedia.in|access-date=2020-05-15}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://m.khaskhabar.com/news/news-dwarka-seva-nidhi-honor-ceremony-today-news-hindi-1-261438-KKN.html|title=द्वारका सेवा निधि सम्मान समारोह आज|date=2017-10-05|website=khas khabar|language=hi|access-date=2020-05-15|archive-url=https://web.archive.org/web/20171005082422/http://m.khaskhabar.com/news/news-dwarka-seva-nidhi-honor-ceremony-today-news-hindi-1-261438-KKN.html|archive-date=5 अक्तूबर 2017|url-status=dead}}</ref> इनका जन्म [[जयपुर]], [[राजस्थान]] के एक प्रतिष्ठित, सुसंस्कृत परिवार में संस्कृत के आधुनिक महाकवि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के यहां 5 फरवरी 1939 को हुआ। उन्होंने [[पंजाब विश्वविद्यालय]] से [[हिंदी साहित्य]] में ‘प्रभाकर’ करने के बाद 1962 में जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई से ड्राइंग और पेंटिंग में इंटर आर्ट्स किया। [[राजस्थान विश्वविद्यालय]] से उन्होंने [[संस्कृत]] तथा [[समाजशास्त्र]] विषयों में एम.ए. किया। ‘[[वैदिक]] सौर देवता’ विषय पर उन्होंने शोधकार्य भी किया। कुछ समय तक लालबहादुर महाविद्यालय, जयपुर में समाजशास्त्र विषय में व्याख्याता के पद पर अध्यापन करने के बाद वे 1974 में [https://web.archive.org/web/20191002045049/http://www.rhbonline.rajasthan.gov.in/List.aspx?Id=21 राजस्थान आवासन मण्डल] की सेवा में आयीं, जहाँ से वे 1998 में वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुईं।
[[File:जया गोस्वामी.jpg|thumb|जया गोस्वामी]]
[[काव्य]] लेखन के साथ साथ [[चित्रकला]] और [[शिल्प]] में अपनी गहरी अभिरुचि को जीवंत रखते हुए वे चित्र सृजन भी निरंतरता के साथ करती हैं। उन्होंने चित्रकला में ‘शिल्पांकन’ नामक शैली का विकास किया जो चित्रकला तथा ‘एप्लीक’ शिल्प विधा से फलक पर चित्रित करने की एक तकनीक है। ललितकला अकादमी एवं राजस्थान सूचना केंद्र, जयपुर की कला दीर्घाओं में उनकी एकल चित्र प्रदर्शनियां लगती रही हैं।