"स्वामी अछूतानन्द": अवतरणों में अंतर

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'''स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर''''(1879 - 1933) दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था। उनका जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के [[मैनपुरी]] जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया।चलायाभदन्त बोधनन्द की नौरत्न कमेटी में स्वामी अछूतानन्द ‘हरिहर’ एकमात्रा दलित जाति (चमार) सदस्य थे, जो उस समय आदि-हिन्दू आन्दोलन के प्रवर्तक और दलित समाज के महान नायक, कवि और सम्पादक थे। उनके माता-पिता उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद की तहसील छिबरामऊ के मौजा सौरिख के रहने वाले थे, 1857 के गदर के पहले ही द्विजातियों के अत्याचारों से पलायन करके जिला मैनपुरी में तहसील सिरसागंज के मौजा उमरी में, अपनी ससुराल में, आकर बस गए थे। इसी मौजा उमरी में सन 1879 में उनका जन्म हुआ था। उनका बचपन का नाम हीरालाल था। बाद में वे आर्यसमाजी हुए और नाम पड़ा स्वामी हरिहरानन्द। कुछ समय पश्चात उन्होंने आर्यसमाज छोड़ दिया और दलित वर्गों के लिए नया ‘आदि-हिन्दू’ आन्दोलन चलाया, जिसके दौरान ही उनका नामकरण स्वामी अछूतानन्द हुआ। ‘हरिहर’ उनका उपनाम था, जिसके नाम से वे कविताएँ लिखते थे।<ref>https://hindi.theprint.in/opinion/in-uttar-pradesh-bsp-ideological-foundation-laid-by-swami-achhootananda-harihar/59862/</ref>
 
== परिचय ==