"शरीयत": अवतरणों में अंतर

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}}</ref> इस क़ानून की परिभाषा दो स्रोतों से होती है। पहली इस्लाम का धर्मग्रन्थ [[क़ुरआन]] है और दूसरा इस्लाम के पैग़म्बर [[मुहम्मद]] द्वारा दी गई मिसालें हैं (जिन्हें सुन्नाह कहा जाता है)। इस्लामी क़ानून को बनाने के लिए इन दो स्रोतों को ध्यान से देखकर नियम बनाए जाते हैं। इस क़ानून बनाने की प्रक्रिया को 'फ़िक़्ह' (<small>{{Nastaliq|ur|فقه‎}}, fiqh</small>) कहा जाता है।<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/news/030527_sharia_law_mk.shtml|title=क्या है इस्लामी क़ानून-शरिया?}}</ref> शरीयत में बहुत से विषयों पर मत है, जैसे कि स्वास्थ्य, खानपान, पूजा विधि, व्रत विधि, विवाह, जुर्म, राजनीति, अर्थव्यवस्था इत्यादि।<ref name="ref74poyiz">[http://books.google.com/books?id=uWR_4BTqtBYC शरीया - द इस्लामिक लॉ]। स्टॅण्डके कॉरिना। GRIN Verlag, २००८, ISBN 978-3-640-14967-4</ref>
 
शरिया को केवल कानून कहना या समझना बहुत बडी अनभिज्ञता है। शरिया में मानव के लगभग सभी कार्यों को स्थान दिया गया है। शरिया में [[पैगम्बर मुहम्मद]] की, [[इस्लाम]] की, और [[कुरान]] की आलोचना को कड़ाई से निषिद्ध किया गया है। इसमें [[जिहाद]] के बारे में और जिहाद की परिभाषा दी गयी है। शरिया के अनुसार तब तक जिहाद जारी रखना चाहिए जब तक पूरा विश्व शरिया की शरण में न आ जाय (शरिया के अनुसार न चलना शुरू कर दे)। शरिया के अनुसार सभी [[काफिर]] और गैर-मुसलमानों को [[धिम्मी]] बनाना है। <ref>{{Cite web |url=https://www.politicalislam.com/sharia-destroyer-civilizations/ |title=Sharia — Destroyer of Civilizations |access-date=18 मई 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180228220541/https://www.politicalislam.com/sharia-destroyer-civilizations/ |archive-date=28 फ़रवरी 2018 |url-status=livedead }}</ref>
 
मुसलमान यह तो मानते हैं कि शरीयत [[अल्लाह]] का क़ानून है लेकिन उनमें इस बात को लेकर बहुत अंतर है कि यह क़ानून कैसे परिभाषित और लागू होना चाहिए। [[सुन्नी]] समुदाय में चार भिन्न फ़िक़्ह के नज़रिए हैं और शिया समुदाय में दो। अलग देशों, समुदायों और संस्कृतियों में भी शरीयत को अलग-अलग ढंगों से समझा जाता है। शरीयत के अनुसार न्याय करने वाले पारम्परिक न्यायाधीशों को 'क़ाज़ी' कहा जाता है। कुछ स्थानों पर 'इमाम' भी न्यायाधीशों का काम करते हैं लेकिन अन्य जगहों पर उनका काम केवल अध्ययन करना-कराना और धार्मिक नेता होना है।<ref name="ref70filog">[http://books.google.com/books?id=bCJ9Lwz3QY8C द लीगेसी ऑफ़ सोलोमन]|Lulu.com| {{अंग्रेज़ी}} ISBN 978-2-9527158-4-3, ''... Our imams are prayer leaders, but if fact any respectable Muslim can lead the prayers. The muftis interpret laws of the Sharia whilst the Qazi or Kadi applies the Sharia ...''</ref> इस्लाम के अनुयायियों के लिए शरीयत इस्लामी समाज में रहने के तौर-तरीक़ों, नियमों और कायदों के रूप में क़ानून की भूमिका निभाता है। पूरा इस्लामी समाज इसी शरीयत क़ानून या शरीयत क़ानून के हिसाब से चलता है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शरीयत" से प्राप्त