"रंभा": अवतरणों में अंतर
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प्रसिद्ध अप्सरा रंभा की उत्पत्ति देवासुर के समुद्र मंथन से मानी जाती है। यह सौंदर्य के एक प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध है। इंद्र ने देवताओं से इसे अपनी राजसभा के लिए प्राप्त किया था। एक बार इन्हों विश्वामित्र की तपस्या को भंग करने के लिए भेजा था किंतु महर्षि ने उससे प्रभावित होकर इसे एक सहस्त्र वर्ष तक पाषाण के रूप में रहने का श्राप दिया। कहा जाता है कि एक बार जब वह कुबेर पुत्र के यहाँ जा रही थी तो कैलाश की और जाते हुए रावण ने मार्ग में रोककर उनके साथ बलात्कार किया था।
संदर्भ- हिंदी साहित्य कोश, भाग़- 2, पृष्ठ- 468
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