"लचीलापन (इंजीनियरी)": अवतरणों में अंतर
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==लचीला विनिर्माण तंत्र==
[[विनिर्माण तंत्र|विनिर्माण तंत्रों]] (Manufacturing System) के लिए लचीलापन विशेष महत्व रखता है। इसलिए विनिर्माण तंत्रों के लिए लचीलेपन का विशेष रूप से अध्ययन किया गया है। विनिर्माण के सन्दर्भ में लचीलेपन को ११ अलग-अलग वर्गों में विभक्त किया गया है [ब्राउन, १९८४], [सेठी और सेठी, १९९०]:
* '''मशीन का लचीलापन''' - एक ही मशीन पर अनेक प्रकार के कार्य कर सकने की सुविधा
* '''पदार्थों को इधर-उधर करने का लचीलापन''' (Material handling flexibility)
* '''संक्रिया की नम्यता''' (Operation flexibility) - एक ही उत्पाद को अलग-अलग ढंग से बनाने की क्षमता
* '''प्रक्रिया नम्यता''' (Process flexibility) - एक ही तंत्र से अनेक उत्पाद बनाने की क्षमता
* '''उत्पाद नम्यता''' (Product flexibility) - किसी वर्तमान तंत्र का उपयोग करते हुए एक नया उत्पाद बना लेने की क्षमता
* '''मार्ग नम्यता''' (Routing flexibility) - भिन्न-भिन्न मर्गों (मशीनों और वर्कशॉप) से होते हुए किसी उत्पाद को बना लेने की क्षमता
* '''मात्रा का लचीलापन''' (Volume flexibility) - किसी फर्म द्वारा आश्यकतानुसार कम या अधिक सामग्री बनाते हुए भी लाभार्जन कर सकने की क्षमता
* '''प्रसार नम्यता''' (Expansion flexibility) - किसी तंत्र की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकने की क्षमता
* '''प्रोग्राम नम्यता''' - किसी तंत्र को स्वचालित कर सकने की क्षमता
* '''उत्पादन का लचीलापन''' - कोई तंत्र कितने उत्पाद वर्तमान स्थिति में बना सकता है।
* '''बाजार का लचीलापन''' - बाजार की मांग के अनुसार तंत्र को ढाल लेने की क्षमता
उपरोक्त अधिकांश प्रकार की नम्यताएँ एक-दूसरे से जुड़ी हुईं हैं और एक प्रकार की नम्यता को बढ़ाने पर दूसरे प्रकार की नम्यता भी बढ़ती है। किन्तु कुछ स्थितियों में एक प्रकार की नम्यता को बढ़ाने पर दूसरे प्रकार की नम्यता कम होती है।
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