"अजिंक्य रहाणे": अवतरणों में अंतर
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उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में टी-20 इंटरनैशनल क्रिकेट में पदार्पण किया, जहां उन्होंने 49 गेंदों पर 61 रन बनाए। एकदिवसीय मैचों में उनके अनियमित प्रदर्शन की वजह से वह मार्च 2013 तक टेस्ट में पदार्पण नहीं कर सके। उन्होंने दिल्ली में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था। वह दोनों पारियों में सिंगल डिजिट के स्कोर पर आउट हो गए थे।
==टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन==
खराब शुरुआत के बावजूद उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चुना गया। उन्होंने 69 के औसत से 209 रनों की शानदार पारी खेली थी। उन्होंने दूसरे टेस्ट में 96 रन की शानदार पारी खेली।
इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ जब भारतीय टीम के 5 विकेट 156 रन पर गिर गए थे, तब रहाणे ने बेहतरीन शतक लगाकर टीम को संभाला था। इंग्लैंड के अगले दौरे में उन्होंने लॉर्ड्स में शतक बनाया। इस तरह वह उस मैदान पर शतक बनाने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए थे।
बेहतरीन तकनीक और अच्छे स्वभाव ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की। वहां उन्होंने एक शतक और 3 अर्धशतक के साथ 399 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फ्रीडम टेस्ट सीरीज के चौथे टेस्ट में रहाणे ने दोनों पारियों में शतक लगाए थे। वह उस सीरीज में तीन अंकों के व्यक्तिगत स्कोर वाले एकमात्र खिलाड़ी थे।
==ट्वेन्टी २० कैरियर==
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