"वृंदावनलाल वर्मा": अवतरणों में अंतर

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Kyunki brandavan lal ji mere purvaj hai mere ghar ke bagal me hi unka ghar tha
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पंक्ति 12:
| कार्यक्षेत्र = कवि, लेखक
| राष्ट्रीयता = [[भारत|भारतीय]]
| भाषा = [[हिन्दी]]bundelkhandi
| काल = आधुनिक काल<!--is this for her writing period, or for her life period? I'm not sure...-->
| विधा = [[कहानी]], [[उपन्यास]],
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| मुख्य काम =
}}
'''वृन्दावनलाल वर्मा''' (०९ जनवरी, १८८९ - २३ फरवरी, १९६९) [[हिन्दी]] [[नाटक]]कार तथा [[उपन्यास]]कार थे। [[हिन्दी उपन्यास]] के विकास में उनका योगदान महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने एक तरफ [[प्रेमचंद]] की सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ाया है तो दूसरी तरफ हिन्दी में ऐतिहासिक उपन्यास की धारा को उत्कर्ष तक पहुँचाया है। [[इतिहास]], [[कला]], [[पुरातत्व]], [[मनोविज्ञान]], [[मूर्तिकला]] और [[चित्रकला]] में भी इनकी विशेष रुचि रही। 'अपनी कहानी' में आपने अपने संघर्षमय जीवन की गाथा कही है।
 
==जीवन परिचय==