"पपीता": अवतरणों में अंतर

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इसके कच्चे फलों से दूध भी निकाला जाता है, जिससे पपेन तैयार किया जाता है। पपेन से पाचन संबंधी औषधियाँ बनाई जाती हैं पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है। अत: इसके पक्के फल का सेवन उदरविकार में लाभदायक होता है। पपीता सभी उष्ण समशीतोष्ण जलवायु वाले प्रदेशों में होता है।
उच्च रक्तदाब पर नियंत्रण रखने के लिए पपीते के पत्ते की सब्जी करते है। पपीते में ए, बी, डी विटामिन और कॅल्शियम, लोह, प्रोटीन आदि तत्त्व विपुल प्रमाण में होते है।पपीते से वीर्य बढता है। त्वचा रोग दूर होते है। जखम जलद ठीक होती है। मूत्रमार्ग की बिमारी दूर होती है। पचनशक्ती बढती है। भूक बढती है। मूत्राशय की बिमारी दूर होती है। खॉसी के साथ रक्त आहे रहा हो तो वह रूकता है। मोटापा दूर होता है। कच्चे पपीता की सब्जी खाने से स्मरणशक्ती बढती है। पपीता और ककडी हमारे स्वास्थ्य केंद्र लिए उपयुक्त है। ककडी और पपीता का हररोज भोजन में समावेश करने से पाचनक्रिया अच्छी होती है।साथ ही यह सौदंर्य बढाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका करता है।
 
उच्च रक्तदाब नियंत्रण में रखनेवाला केले लिए पपीते के पत्ते की सब्जी करते है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पपीता" से प्राप्त