"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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== सिद्धांत ==
बहाई धर्म की शुरुआत 'बआबीबाबी' नामक धर्म से हुई। '''“बहाउल्लाह”''' को इस युग का ईश्वरीय अवतार मानने वाले अनुयायी बहाई कहलाते हैं। बहाउल्लाह द्वारा लिखी गई पुस्तक "किताब-ए-अकदसअक़दस" में इसके सिद्धांतों का विवरण मिलता है जो १८७३ के आसपास लिखी गई थी। इस क़िताब को इसके [[फ़ारसी]] नाम ''किताब-ए-अकदस'' के नाम से अधिक जाना जाता है।
 
बहाई धर्म के अनुयायी सम्पूर्ण विश्व के लगभग १८० देशों में समाज-नवनिर्माण के कार्यों में जुटे हुए हैं। बहाई धर्म में धर्म गुरु, पुजारी, मौलवी या पादरी वर्ग नहीं होता है।
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== प्रार्थना सभाएँ==
प्रार्थना ईश्वर के साथ वार्तालाप होती है ।है। वार्तालाप का अर्थ होता है बात-चीत ।चीत। जब हम प्रार्थना करते है तब हम ईश्वर से बात-चीत करते है ।है। प्रार्थना हमारी आत्मा का भोजन होती है ।है। प्रार्थना सभाओं मे सभी लोग साथ मिलकर प्रार्थना करते है, भजन करते है और ईश्वर को याद कराते है ।है। इन सभाओं में ईश्वरीय पवित्र वाणी का पाठ, प्रार्थनाएँ और भजन सस्वर लिए जाते हैं। ये प्रार्थना सभाएँ किसी के भी घर या स्थान पर आयोजित की जा सकती है, ये उस स्थान, घर, व्यक्तियों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है तथा ईश कृपा को आकर्षित करती है। प्रत्येक महाद्वीप में बहाई समुदाय के अनुयायी विभिन्न धर्म एवं जाति के लोगो के साथ प्रार्थना में जुड़ रहे हैं और अपने हृदयों को अपने सृजनकर्ता की ओर उन्मुख कर रहे हैं तथा आध्यात्मिक शक्तियों का आह्वान कर रहे हैं। बहाई धर्म के लोग मानते है कि प्रार्थना ईश्वर के साथ वार्तालाप है। प्रार्थना निस्वार्थ भावना से कि जानी चाहिए ताकि हमारी प्रार्थना ईश्वर द्वारा स्वीकार की जा सके।
 
=== बच्चों की नैतिक शिक्षा कार्यक्रम (१० वर्षों तक के बच्चों के लिए)===