"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Abdulbaha.jpg|right|thumb|300px|अब्दुल बहा, युगावतार बहाउल्लाह के ज्येष्ठ पुत्र]]
[[चित्र:Lotus Temple in New Delhi 03-2016.jpg|right|thumb|300px|दिल्ली का कमल मन्दिर : यह बहाइयों का पूजास्थल है जहाँ वर्ष भर में कोई ४० लाख लोग आते हैं।]]
[[चित्र:Seat of the House of Justice.jpg|right|thumb|300px|[[इजराइल]] के [[हाफिया]] में स्थित 'सार्वभौमिक न्यायालय' (Universal House of Justice) : बहाइयों की सर्वोच्च संस्था]]{{Unreferenced|date=October 2020}}'''बहाई धर्म''' 19वीं सदी के [[इराक़]] के बग़दाद शहर में शुरू हुआ एक स्वतंत्र धर्म है,<ref>{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/rajasthan/jaipur/news/rajasthan-news-rizwan-gala-begins-baha39i-celebrates-the-celebration-of-harishalalas-081024-4397574.html|title=रिजवान पर्व शुरू, बहाई धर्म के लाेग हर्षाेल्लास से मनाएंगे|date=2019-04-22|website=Dainik Bhaskar|language=hi|access-date=2020-10-12}}</ref> (यह किसी भी अन्य धर्म कि शाखा नहीं है)। यह सभी धर्मो को मान्यता देता है। इसकी स्थापना युगावतार [[बहाउल्लाह]] ने की थी। यह [[एकेश्वरवाद]] और विश्व भर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों बुद्ध, कृष्ण, ईसा, मूसा, जर्थुस्त्र, मुहम्मद, आदि की वापसी मानते हैं। [[किताब-ए-अक़दस]] बहाईयों का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ है।
[[चित्र:Seat of the House of Justice.jpg|right|thumb|300px|[[इजराइल]] के [[हाफिया]] में स्थित 'सार्वभौमिक न्यायालय' (Universal House of Justice) : बहाइयों की सर्वोच्च संस्था]]
 
'''बहाई धर्म''' 19वीं सदी के [[इराक़]] के बग़दाद शहर में शुरू हुआ एक स्वतंत्र धर्म है,<ref>{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/rajasthan/jaipur/news/rajasthan-news-rizwan-gala-begins-baha39i-celebrates-the-celebration-of-harishalalas-081024-4397574.html|title=रिजवान पर्व शुरू, बहाई धर्म के लाेग हर्षाेल्लास से मनाएंगे|date=2019-04-22|website=Dainik Bhaskar|language=hi|access-date=2020-10-12}}</ref> (यह किसी भी अन्य धर्म कि शाखा नहीं है)। यह सभी धर्मो को मान्यता देता है। इसकी स्थापना युगावतार [[बहाउल्लाह]] ने की थी। यह [[एकेश्वरवाद]] और विश्व भर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों बुद्ध, कृष्ण, ईसा, मूसा, जर्थुस्त्र, मुहम्मद, आदि की वापसी मानते हैं। [[किताब-ए-अक़दस]] बहाईयों का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ है।
 
बहाई मतों के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्मों का एक ही मूल है। इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुँचाने के लिए नए धर्मों का प्रतिपादन किया जो उस समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था। बहाउल्लाह को [[कल्कि|कल्कि अवतार]] के रूप में माना जाता है जो सम्पूर्ण विश्व को एक करने हेतु आएं है और जिनका उद्देश्य और सन्देश है "समस्त पृथ्वी एक देश है और मानवजाति इसकी नागरिक"।