"किन्नर": अवतरणों में अंतर
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इसके अतिरिक्त अनेक विद्वानों और साहित्यकारों ने अपने शोधग्रन्थों, यात्रा-पुस्तकों, आलेखों और कविताओं में किन्नर देश और किन्नौर में रहने वाली किन्नर जनजाति का उल्लेख किया है। इनमें न केवल हिमाचल के विद्वान-लेखक शामिल है बल्कि देश-विदेश के लेखक भी हैं। पिछले दिनों किन्नौर निवासी शोधकर्ता व लेखक टेसी छेरिंग नेगी की दो पुस्तकें उल्लेखनीय है। पहली पुस्तक “किन्नरी सभ्यता और साहित्य” दिल्ली साहित्य अकादमी ने प्रकाशित की है। हाल ही में उनकी दूसरी पुस्तक भी प्रकाशित हुई है जिसका शीर्षक है “किन्नर देश का इतिहास”। इसका विमोचन मुख्यमन्त्री महोदय श्री वीरभद्र सिंह ने ठीक उसी दौरान किया जब मधुर भंडारकर की फिल्म पर प्रतिबंध लगा था। श्री शरभ नेगी की पुस्तक “हिमालय पुत्र किन्नरों की लोक गाथाएं” किन्नर लोक गाथाओं पर पहली प्रमाणिक पुस्तक है। एस आर हरनोट ने भी अपनी पुस्तकों “यात्रा-किन्नौर, स्पिति और लाहुल” तथा “हिमाचल के मन्दिर और लोक कथाओं” में किन्नौर और किन्नर इतिहास तथा संस्कृति का विस्तार से उल्लेख किया है। हिमाचल के प्रसिद्ध लेखक मियाँ गोवर्धन सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “हिमाचल प्रदेश का इतिहास” भी इस सन्दर्भ में एक प्रमाणिक ग्रन्थ है। वर्तमान में न केवल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बल्कि प्रदेश के बाहर स्थित जे०एन०यू स्थित कई दूसरे विश्वविद्यालयों में कई शोध छात्र किन्नर लोक गीतों, इतिहास और किन्नर लोक साहित्य पर शोध कर रहे हैं।
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