"शकील अहमद खान": अवतरणों में अंतर

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==राजनीतिक उपलब्धियां==
छात्र जीवन के बाद शकील अहमद खान ने थोड़े समय के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्य किया लेकिन राजनीति में रुचि के चलते इन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया और राजनीति में सक्रिय हो गए। शकील अहमद खान ने बिहार के कटिहार और अररिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें पहली सफलता वर्ष 2015 में मिली जब वो बिहार विधानसभा चुनाव में कटिहार के कदवा विधानसभा क्षेत्र से विजयी घोषित हुए।
 
==संदर्भ==