"शकील अहमद खान": अवतरणों में अंतर

→‎जीवन परिचय: सामग्री
→‎धारित पद: सामग्री
पंक्ति 30:
छात्र जीवन के बाद शकील अहमद खान ने थोड़े समय के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्य किया लेकिन राजनीति में रुचि के चलते इन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया और राजनीति में सक्रिय हो गए। शकील अहमद खान ने बिहार के कटिहार और अररिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें पहली सफलता वर्ष 2015 में मिली जब वो बिहार विधानसभा चुनाव में कटिहार के कदवा विधानसभा क्षेत्र से विजयी घोषित हुए।
==धारित पद==
* छात्र नेता के रूप में शकील अहमद खान ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष के पद के लिए चुने गए। बाद में वर्ष 1992-93 में ये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए भी निर्वाचित हुए।
* शकील अहमद खान ने नेहरू युवा केंद्र संगठन के उपाध्यक्ष पद पर कार्य किया। वर्ष 2005 में ये नेहरू युवा केंद्र संगठन के महानिदेशक पद पर नियुक्त हुए जहां वो वर्ष 2009 तक कार्यरत रहे। नेहरु युवा केंद्र संगठन देश भर में युवाओं का सबसे स्वयंसेवी संगठन है।
 
==संदर्भ==