"सवैया": अवतरणों में अंतर
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==उदाहरण==
:चाँद चले नहिं रात कटे,
:नागिन सी नथनी डसती,
:कान का कुण्डल जोंक बना,
:मोतिन माल है फाँस बना, अब हाथ का बंध बना कँगना री ॥
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