"जेजाकभुक्ति के चन्देल": अवतरणों में अंतर

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हम्मीरवर्मन के वीरवर्मन द्वितीय सिंहासन पर आरूढ़ हुआ, जिसके शीर्षक उच्च राजनीतिक दर्ज़े की स्थिति का संकेत नहीं देते हैं। परिवार की एक छोटी शाखा ने कलंजारा पर शासन जारी रखा । इसके शासक को 1545 ईस्वी में शेरशाह सूरी की सेना ने मार डाला। महोबा में एक और छोटी शाखा ने शासन किया, दुर्गावती, इसकी एक राजकुमारी ने मंडला के गोंड शाही परिवार में शादी की।
 
शोदस्थशौधस्थ तथ्य विशेष
 
एक समय ऐसा था कि बुंदेले राजाओं का शासन होने के बावजूद बुन्देलखण्ड की धरती महान शौर्यवान चन्देलों से आबाद थी। सातवीं सदी से लेकर 16वीं शदी तक चन्देलों ने बुन्देलखण्ड और उसके बाहर भी राज किया। कन्नौज, मथुरा, बनारस और इलाहाबाद में मिले महलों के अवशेष इसकी पुष्टि करते हैं। लेकिन चन्देल आज बुन्देलखण्ड में कहीं नहीं हैं। अगर हैं तो उनकी गणना केवल उँगलियों पर की जा सकती है। जो चन्देल बुन्देलखण्ड में आबाद हैं वो भी अपने आपको बाहर से आया हुआ बताते हैं। उनके अनुसार वो बुन्देलखण्ड से अन्यत्र गए और फिर वापस बुन्देलखण्ड में आबाद हुए। इसकी वजह क्या है?