"साँचा:आज का आलेख २ मार्च २००९": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Vasant Ragini c1770.jpg|right|100px]]<div style="font-size:90%;border:none;margin: 0;padding:.1em;color:#000"> वसंत उत्तर भारत तथा समीपवर्ती देशों की छे ऋतुओं में से एक ऋतु है, जो फरवरी मार्च और अप्रैल के मध्य इस क्षेत्र में अपना सौंदर्य बिखेरती है। ऐसा माना गया है कि माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। फाल्गुन वर्ष का अंतिम मास है और चैत्र पहला। इस प्रकार हिंदू पंचांग के वर्ष का अंत और प्रारंभ वसंत में ही होता है। इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है। मौसम सुहावना हो जाता है। पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं। आम बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसे ऋतुराज कहा गया है। [[वसंत| '''विस्तार से पढ़ें'''...]]
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