"माधवराव सिंधिया": अवतरणों में अंतर

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'''माधवराव सिंधिया''' का जन्म 10 मार्च 1945 को [[मुम्बई|मुंबई]] में हुआ था। वे भारतीय राजनीतिज्ञ थे और [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] में मंत्री थे। 1961 में अपने पिता जीवाजी राव की मृत्यु के बाद ग्वालियर के अंतिम नाममात्र के महाराज बने। 1971 में भारत के संविधान में 26 वें संशोधन के बाद भारत सरकार ने रियासतों के सभी आधिकारिक प्रतीकों को समाप्त कर दिया, जिसमें शीर्षक, विशेषाधिकार और पारिश्रमिक शामिल थे।<ref>https://books.google.co.in/books?id=Kz1-mtazYqEC&pg=PA278&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false</ref>
 
==परिवार==
उनका विवाह 8 मई 1966 को माधवी राजे सिंधिया (किरण राज्य लक्ष्मी देवी) से हुआ जो कि नेपाल के प्रधान मंत्री औरएवं, [[कास्की]] और लमकुंग[[लमजुंग]] के महाराजा, और गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज जुड्ढाजुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती हैं।<ref>[https://navbharattimes.indiatimes.com/state/madhya-pradesh/bhopal/indore/jyotiraditya-scindia-and-her-mother-in-hospital-know-about-the-madhvi-raje-scindia/articleshow/76286014.cms]नवभारत टाईम्स</ref> उनके एक पुत्र व एक पुत्री है। उनके पुत्र का नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है जिसका जन्म 1 जनवरी, 1971 को मुंबई के समुद्रमहल में हुआ था और पुत्री का नाम चित्रांगदा सिंधिया (जन्म 1967) है।
 
==शिक्षा==
माधवराव सिंधिया ने अपनी शिक्षा सिंधिया स्कूल से की थी। सिंधिया स्कूल का निर्माण इनके परिवार द्वारा ग्वालियर में कराया गया था। उसके बाद माधवराव सिंधिया ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा प्राप्त की।<ref>[https://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5_%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE] bharatdiscovery.org</ref>
 
==राजनैतिक जीवन==