"जिब्राल्टर अन्तराष्ट्रीय हवाई-अड्डा": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
हवाईअड्डा [[द्वितीय विश्वयुद्ध|द्वितीय विश्व युद्ध]] के दौरान स्थापित किया गया था। इस महायुद्ध के समय जिब्राल्टर ब्रिटेन के लिए एक महत्वपूर्ण नौसेना का अड्डा था। 1939 में बन कर तैयार हुए इस अड्डे का शुरुआती उद्देश्य रॉयल नेवी के बेड़े की वायु शाखा के लिए हवाईअड्डा उप्लब्ध कराना था। हालांकि हवाई पट्टी का बाद में बे ऑफ़ जिब्राल्टर में से भूमि अधिग्रहण द्वारा विस्तार कर दिया गया था। इस कृत्रिम भूमि विस्तार में रॉक ऑफ़ जिब्राल्टर में सैन्य सुरंगों को बनाते वक्त विस्फोट द्वारा निकली चट्टानों का उपयोग किया गया। हवाई पट्टी के इस अंतिम मुख्य विस्तार के परिणामस्वरूप जिब्राल्टर में बड़े हवाई जहाज भी उतर सकते थे। उस समय हवाई पट्टी जिब्राल्टर के अश्व दौड़ ट्रैक से पूरी तरह से अभिलोपित हो गई थी। आरएएफ़ नॉर्थ फ्रंट 1942 में खुला तथा इसी समय के आसपास आरएएफ़ न्यू कैम्प भी स्थापित हुआ।<ref name="History">{{cite web | url=http://www.raf.mod.uk/rafgibraltar/aboutus/hist.cfm | title=The History of RAF Gibraltar | publisher=raf.mod.uk | accessdate=26 दिसम्बर 2012 | archive-url=https://web.archive.org/web/20121028205419/http://www.raf.mod.uk/rafgibraltar/aboutus/hist.cfm | archive-date=28 अक्तूबर 2012 | url-status=livedead }}</ref>
 
हवाई पट्टी ने ऑपरेशन टोर्च के दौरान एक अहम भूमिका निभाई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए इस ऑपरेशन में एंग्लो-अमरीकी सेनाओं ने आपस में मिलकर फ़्रांसीसी उत्तरी अफ़्रीका पर आकर्मण किया था जिसमें [[फ़्रांसीसी औपनिवेशिक साम्राज्य]] द्वारा कब्जें में किए हुए वर्तमान समय के [[अल्जीरिया]], [[तूनिसीया|ट्यूनिशिया]] और [[मोरक्को|मोरोक्को]] शामिल थे।<ref name="History" />